•  मरीजों को मिलेगा लाभ

रांची: स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि रांची सदर अस्पताल के बाद राज्य के अन्य सात जिलों में शीघ्र ही ब्लड बैंक शुरू कर दिया जायेगा. ब्लड बैंक का संचालन शीघ्र हो इसके लिए मशीनों की आपूर्ति का निर्देश दिया गया है. ब्लड बैंक के संचालन से अस्पताल में खून की कमी के कारण गर्भवती महिलाओं को रिम्स रेफर नहीं करना पड़ेगा. वहीं सड़क दुर्घटना में घायल मरीज के साथ-साथ थैलेसिमिया, सिकेल सेल एनिमिया व हीमोफीलिया के मरीजों को तत्काल खून मिल जायेगा. श्री चंद्रवंशी बुधवार को रांची सदर अस्पताल में ब्लड बैंक, कंगारू मदर केयर यूनिट, डे-केयर सेंटर व डिजिटल एक्स-रे का उद्घाटन कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कंगारू मदर केयर सेंटर खुलने से समय से पूर्व जन्म लेनेवाले बच्चों व जन्मजात बीमारी से पीड़ित बच्चे अपनी मां के साथ रहकर इलाज करा पायेंगे. यह डे-केयर सेंटर छह बेड का है, जहां बेहतर सुविधा प्रदान की जायेगी. सदर ब्लड बैंक में पैक्ड सेल की रहेगी उपलब्धता: स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने कहा कि ब्लड बैंक में पैक्ड सेल दिये जायेंगे. रिम्स से सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में कंपोनेंट्स उपलब्ध कराये जायेंगे. इसके इस्तेमाल पर जोर दिया जायेगा.कहा कि शिशु मातृ मत्यु दर में लगातार सुधार हुआ है. हम इसमें तेजी से कमी लाना चाहते हैं. अधिकांश बच्चों की मौत जन्म के दिन या एक माह के अंदर होती है. कंगारू केयर सेंटर में ऐसे बच्चों को संक्रमण व निमाेनिया नहीं हो इसके बारे में माताओं को जानकारी दी जायेगी. इससे मृत्यु दर में कमी आयेगी. यह सेंटर राज्य के सभी जिला अस्पताल, पीएचसी व सीएचसी में खोला जायेगा. हीमोफीलिया के बच्चों के लिए डे-केयर जीवनदायिनी साबित होगा. डाटा तैयार किया जायेगा, जिससे ऐसे बच्चे या मरीज के आने से पहले ही सारी व्यवस्था की जा सके. श्रीमती खरे ने कहा कि शीघ्र ही राज्य में पांच सेंटर खोले जायेंगे. उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल को अगले छह महीने में 500 बेड का कर दिया जायेगा.

सीआरपीएफ के जवानों ने किया रक्तदान

इस मौके पर सीआरपीएफ के जवानों ने रक्तदान किया. मंत्री श्री चंद्रवंशी ने कहा कि सीआरपीएफ के जवान रक्तदान करने में सबसे आगे रहते हैं, जिससे कई लोगों की जान बचती है. यह उनका सराहनीय प्रयास है. सीआरपीएफ के आइजी संजय गाडकर ने कहा कि लोगों की जान बचाने के लिए सीआरपीएफ के जवान हमेशा तैयार रहते हैं. पिछले साल करीब 2100 यूनिट रक्तदान किया गया. मौके पर अभियान निदेशक एनएचएम कृपानंद झा, सिविल सर्जन डॉ शिवशंकर हरिजन, उपाधीक्षक डॉ एके झा, एसीएमओ डॉ नीलम चौधरी, डॉ विमलेश सिंह, डॉ किरण चंदेल, सीआरपीएफ डीआइजी राजीव राय आदि उपस्थित थे.

डे-केयर सेंटर के एमओयू

सदर अस्पताल में डे-केयर सेंटर के संचालन के लिए सिविल सर्जन डॉ शिव शंकर हरिजन व हीमोफीलिया सोसाइटी के अतुल गेरा के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया. डॉ अतुल गेरा ने स्वास्थ्य मंत्री को बताया कि कैसे डे-केयर खुलने से राज्य के हीमोफीलिया पीड़ित बच्चों को लाभ मिलेगा. एक दिन में सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. पैक्ड सेल से संक्रमण व अन्य समस्याओं से निदान मिलेगा. मौके पर निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं डॉ राजेंद्र पासवान, ड्रग कंट्रोलर रितु सहाय, आइएएस शुभ्रा वर्मा, डॉ प्रदीप बास्की, डॉ अजीत प्रसाद, डॉ एसबी खलखो व कर्मचारी उपस्थित थे.

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