गोड्डा। सूर्या हांसदा पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है। जानकारी के अनुसार, वह कई अपराधिक मामलों में फरार चल रहा था। रविवार को सूर्या की गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसकी निशानदेही पर ललमटिया जंगल में छुपाए गए हथियार को बरामद करने सोमवार को गई थी।

इसी दौरान वह पुलिस का हथियार छिनकर भागने लगा। तभी पुलिस ने उस पर गोली चलाई, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने सूर्या हांसदा के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है। गोड्डा एसपी मुकेश कुमार ने पुलिस मुठभेड़ में सूर्या हांसदा के मारे जाने की पुष्टि की है।

सूर्या के एनकाउंटर की सूचना पर ग्रामीणों की भारी संख्या में भीड़ जमा हो गई । पुलिस भी मौके पर कैंप कर रही है। सूर्या हांसदा ने 2019 में बोरियो विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था और दूसरे स्थान पर रहे थे। पार्टी ने भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ताला मरांडी का टिकट काट कर सूर्या हांसदा पर भरोसा जताया था।

सूर्या हांसदा ने लोकसभा चुनाव से पहले ही पार्टी में शामिल हुए थे। युवा नेता की पहचान रखने वाले सूर्या तीन बार चुनाव हार चुके थे। उन्होंने दो बार जेवीएम और एक बार भाजपा से अपनी किस्मत आजमायी थी। सूर्या हांसदा ने लोकसभा चुनाव से पहले ही पार्टी में शामिल हुए थे। युवा नेता की पहचान रखने वाले सूर्या तीन बार चुनाव हार चुके थे। उन्होंने दो बार जेवीएम और एक बार भाजपा से अपनी किस्मत आजमायी थी।

वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में सूर्या हांसदा ने जयराम महतो की पार्टी जेकेएलएम से चुनाव लड़ा था। सूर्या हांसदा का आपराधिक इतिहास भी रहा है। जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में सूर्या हांसदा के खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज हैं। उनका नाम अडानी कंपनी के वाटर पाइप लाइन कार्य में लगे वाहनों में आगजनी मामले में भी सामने आया था। मामले का खुलासा होने के बाद सूर्या हांसदा गिरफ्तारी से बचने के लिए कई दिनों तक फरार थे।

9 जनवरी 2020 को गोड्डा जिले के ठाकुरगंगटी थाना क्षेत्र के बहादुरचक के पास अडानी कंपनी की वाटर पाइपलाइन परियोजना में लगे वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। जांच में सामने आया कि इस घटना की साजिश सूर्या हांसदा ने रची थी। पुलिस ने घटना में शामिल तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपितों ने बताया कि घटना की रात सूर्या हांसदा ने अपने घर पर एक मीटिंग बुलाई थी, जिसमें सभी शामिल थे। वहीं उन्हें पेट्रोल और डीजल मुहैया कराया गया, ताकि अडानी कंपनी के वाहनों को जलाया जा सके।

वहीं, सूर्या हांसदा की मां भी जिला परिषद सदस्य रह चुकी है। सूर्या हांसदा की मां ने बताया कि सूर्या का वेल्लोर में इलाज चल रहा था, वहां से वह देवघर लौटकर मोहनपुर के नवाडीह में एक रिश्तेदार के यहां रह रहा था, वहां से सादे कपड़ों में पुलिस बाइक पर आई और उसे ले गई. उसके बाद से वह लापता है, किसी अनहोनी की आशंका है।

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