झारखंड छोड़कर भागने की फिराक में थे दोनों
अब पुलिस खोज रही है यूसुफ पूर्ति को
जान जुनास तिड़ू ने ही नाटक मंडली को सबक सिखाने के लिए बुलाया था पीएलएफआइ के अपराधी टकला और उसकी टीम को, उसी के कहने पर अपराधियों ने लड़कियों का अगवा किया और जंगल में ले जाकर गैंगरेप

खूंटी। खूंटी जिला में देशतोड़क पत्थलगड़ी के स्वयंभू और कोचांग में पांच महिलाओं से गैंगरेप का मस्टरमाइंड जॉन जुनास तिड़ू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसके साथ बलराम समद को भी गिरफ्तार किया है। जॉन जुनास तिड़ू को पोटका से और बलराम समद को खूंटी से पुलिस ने दबोचा। दोनों राज्य से बाहर निकलने की फिराक में थे। दोनों की गिरफ्तारी की जानकारी आइजी नवीन सिंह और एसपी ने पत्रकारों को दी।
राज्य से बाहर भागने की तैयारी में थे जॉन और बलराम समद :

कोचांग गैंगरेप में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में नाम आने के बाद तिड़ू फरार चल रहा था। पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में चाइबासा और जमशेदपुर में लगातर छापेमारी अभियान चला रही थी। इसी बीच जमशेदपुर एसएसपी अनूप बिरथरे को जानकारी मिली कि जॉन जमशेदपुर के पोटका से बस में बैठ कर चक्रधरपुर के लिए निकला है। वह चक्रधरपुर से ट्रेन पकड़ झारखंड से बाहर भागने की कोशिश करेगा। इस सूचना पर जमशेदपुर एसएसपी अनूप बिरथरे ने तुरंत एक टीम का गठन कर जॉन की तलाश में लगा दिया। इसी दौरान एक बस में तलाशी के दौरान जॉन पकड़ा गया।
बलराम समद खूंटी के मुरहू से पकड़ा गया : वहीं, पत्थलगड़ी नेता बलराम समद भी चक्रधपुर भागने की तैयारी में था, लेकिन इसकी भनक भी खूंटी एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा को लग गयी। जिस बस से बलराम फरार होने की कोशिश कर रहा था, उसे खूंटी के मुरहू के पास घेर कर रोका गया और बलराम को गिरफ्तार कर लिया गया।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को बता रहे थे नौकर :

जॉन जुनास तिड़ू भोले भाले आदिवासियों को यह समझा रहा था कि देश के राष्टÑपति और प्रधानमंत्री उनके नौकर हैं और उनके ऊपर किसी का शासन नहीं चलेगा। इन लोगों ने सीधे-सादे ग्रामीणों को यह कह कर भड़का दिया था कि अगर तुम्हारे इलाके में कोई बाहरी व्यक्ति आ गया, तो तुम्हारा रोजी-रोजगार छीन लेगा और तुम्हें दरबदर कर देगा। यही कारण था कि ग्रामीण देशतोड़क पत्थलगड़ी करवाने को राजी हो गये थे और उन्होंने पुलिस प्रशासन से दूरी बना ली थी। जुनास और समद की अपराध की दुनिया : जान जुनास तिड़ू और बलराम समद ने ही यूसुफ पूर्ति के साथ मिल कर खूंटी के कुछ गांवों के सीधे-सादे आदिवासियों को भड़का कर देश, संविधान और शासन व्यवस्था के खिलाफ खड़ा कर दिया था। इन लोगों ने ग्रामीणों की भावनाओं का शोषण करके उन्हें यह समझा दिया था कि इस देश के असली राजा हम हैं। इनका नारा था: न लोकसभा, न विधानसभा, सबसे बड़ी ग्रामसभा।
यहां उल्लेखनीय है कि जॉन जुनास तिड़ू, यूसुफ पूर्ति और बलराम समद ही वे तीन चेहरे हैं, जिन्होंने खूंटी के ग्रामीण इलाकों का माहौल विषाक्त कर दिया था। इन तीनों ही चेहरों को खूंटी में इसाई मिशनरियरों का खुला संरक्षण प्राप्त था और उन्हीं के इशारों पर ये घटनाओं को अंजाम देते थे। ये तीनों ग्रामीण क्षेत्रों में अफीम की खेती के लिए भी गांववालों को उकसाते थे। कहते थे कि एक बार अगर तुम लोगों ने अफीम की खेती कर ली, तो आजीवन तुम्हें कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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