रांची। गैर आदिवासी पुरुष से शादी करनेवाली एसटी महिलाएं आदिवासी की जमीन की खरीद नहीं कर सकेंगी. हालांकि वह आरक्षण का लाभ ले सकेंगी. ऐसी महिलाओं के जाति प्रमाण पत्र में पति का नाम लिखा जायेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसने गैर आदिवासी पुरुष से शादी की है. झारखंड सरकार ने इससे संबंधित कानून का प्रस्ताव तैयार किया है. भू-राजस्व विभाग को प्रस्ताव ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएसी) की बैठक में लाने के लिए आवश्यक निर्देश दिये गये हैं. इस तरह का कानून फिलहाल ओड़िशा में लागू है. झारखंड सरकार का मानना है कि राज्य में गैर आदिवासी लोग आदिवासी महिला से शादी कर पत्नी के नाम पर बड़े पैमाने पर आदिवासी जमीन खरीद रहे हैं.
इस पर पाबंदी लगाने के लिए राज्य सरकार ने भू-राजस्व विभाग को आवश्यक निर्देश दिये थे. सरकार के निर्देश के बाद भू-राजस्व विभाग ने ओड़िशा की तर्ज पर प्रस्ताव तैयार किया है. टीएसी की बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जायेगा. टीएसी की बैठक में प्रस्ताव पारित होने के बाद आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए राष्ट्रपति की सहमति ली जायेगी. राष्ट्रपति की सहमति के बाद इसे राज्य में लागू कर दिया जायेगा.

ओड़िशा में लागू है कानून

ओड़िशा सरकार ने शिड्यूल एरिया में जमीन हस्तांतरण से संबंधित रेगुलेशन 1956 में संशोधन कर ‘ दि ओड़िशा शिड्यूल एरिया ट्रांसफर ऑफ इमुवेबल प्रोपर्टी(बाइ शिड्यूल ट्राइब) एमेंडमेंट रेगुलेशन 2000 लागू किया है. इस रेगुलेशन की धारा तीन के परंतुक एक के अनुसार, अगर अनुसूचित जनजाति की कोई महिला किसी एेसे व्यक्ति से शादी करती है, जो किसी अनुसूचित जनजाति का सदस्य नहीं हो, तो संबंधित महिला के नाम अनुसूचित जनजाति की जमीन नहीं खरीदी जा सकेगी. परंतुक दो में निहित प्रावधान के अनुसार, किसी अनुसूचित जनजाति के नाम पर जमीन खरीदने के लिए अगर किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा धन दिया जाये, जो अनुसूचित जनजाति का सदस्य नहीं हो तो जमीन नहीं खरीदी जा सकेगी.

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