- जांच के लिए पहुंची राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम
रांची। मिशनरीज आॅफ चैरिटी के निर्मल हृदय से बच्चों के बेचे जाने के मामले पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग रिपोर्ट तैयार कर रहा है। बच्चा बेचे जाने के मामले पर जानकारी के लिए आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो मंगलवार को रांची पहुंचे और निर्मल हृदय और शिशु सदन का निरीक्षण किया। प्रियंक के साथ एनएसीजी के कोषाध्यक्ष संजय मिश्र और बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष भी निरीक्षण करनेवालों की टीम में शामिल थे। नवजात के मिशनरी संस्थाओं द्वारा खरीदे और बेचे जाने के रैकेट का पर्दाफाश होने के बाद अब ऐसी संस्थाएं केंद्र के रडार पर हैं। राजधानी में मिशनरीज आॅफ चैरिटी नामक संस्था का नाम इस तरह की घटना में सामने आने के बाद मामले की जांच करने पहुंची राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग की टीम ने दावा किया कि ऐसी और भी घटनाएं देश के अन्य इलाकों से रिपोर्ट की गयी हैं। आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने बताया कि यह घटना देश को शर्मसार करनेवाली है। गुवाहाटी में ऐसा ही एक मामला सामने आया, इसके बाद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। कहा कि ऐसी सारी संस्थाएं, जो देश भर में शाखाएं चला रही हैं, उन पर कड़ी नजर रखी जा रही है। जांच भी की जा रही है। प्रियंक के अनुसार झारखंड में जितनीभी मिशनरीज आॅफ चैरिटी के द्वारा इस तरह की संस्थाएं चल रही हैं, सभी की जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
मानव तस्करी की समीक्षा
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने राज्य में बाल श्रम और मानव तस्करी को लेकर भी एक महत्वपूर्ण बैठक की। प्रोजेक्ट भवन में हुई बैठक में अधिकारियों के साथ बालश्रम और मानव तस्करी की समीक्षा की। बैठक में झारखंड में हाल के दिनों में हुई मानव तस्करी का आंकड़ा भी लिया गया। आंकड़ों में बढ़ोतरी को देख कर प्रियंक में नाराजगी भी जतायी।
एफआइआर में अब तक 12 बने नामजद
कोख का सौदा मामला सामने आने के बाद सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रूपा कुमारी ने बीते तीन जुलाई को कोतवाली थाना में मामला दर्ज कराया। इसमें निर्मल हृदय की संचालिका, सिस्टर कोनसिलिया, बच्चे को बेचने वाली अनिमा इंदवार, बच्चे की मां, खरीदार, सदर अस्पताल की गार्ड मंजू, मोरहाबादी के हरिहर सिंह रोड निवासी दीपधारी देवी, उनके पति ओमेंद्र सिंह, सिमडेगा की दंपति शैलजा तिर्की सहित 12 को आरोपी बनाया गया है। इस मामले में जैसे-जैसे इसमें शामिल लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, उनके नाम केस में जुड़ते जा रहे हैं। हालांकि आइजी नवीन कुमार सिंह ने निर्देश दिया है कि हर बच्चे की बरामदगी के बाद अलग-अलग एफआइआर दर्ज की जाये।