सोनभद्र: कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में हुए भूमि विवाद में मारे गए लोगों के परिवारवालों से मुलाकात करने जा रही थीं। इस दौरान उन्हें पुलिस ने बीच रास्ते में रोक लिया। प्रियंका के रुकने की व्यवस्था चुनार गेस्टहाउस में की गई है। हालांकि, प्रियंका गांधी सोनभद्र में पीड़ित आदिवासी परिवारों से मिलने की मांग पर अड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा है कि एक आदिवासी के लिए उसकी जमीन ही उसका जीवन होती है। वहां पर न सिर्फ लोगों की जमीन छीनी गई बल्कि 10 लोगों का कत्ल किया गया। प्रियंका ने यह भी कहा कि पीड़ित परिवारों से मिलना एक नेता का धर्म है, ऐसे में मैं उन लोगों से मुलाकात किए बिना नहीं जाऊंगी। उधर, प्रियंका गांधी के साथ कई पार्टी कार्यकर्ता गेस्टहाउस के बाहर धरने पर बैठे हैं।

मीरजापुर में प्रियंका गांधी ने कहा, ‘एक आदिवासी के लिए उसकी जमीन ही उसका जीवन होती है। न सिर्फ जमीन छीनी गई बल्कि 10 लोगों का कत्ल भी किया गया। वहां एक नरसंहार हुआ। मैं उन पीड़ित परिवारों से मिलने आई, यह कोई अपराध तो नहीं है। पीड़ित परिवारों से मिलना एक नेता का धर्म है। मैंने किसी भी प्रकार का कोई अपराध नहीं किया है।’

प्रियंका गांधी ने देर रात ट्वीट किया, ‘उत्तर प्रदेश सरकार ने एडीजी वाराणसी बृज भूषण, वाराणसी कमिश्नर दीपक अग्रवाल, कमिश्नर मीरजापुर, डीआईजी मीरजापुर को मुझे यह कहने के लिए भेजा है कि मैं यहां से पीड़ित परिवारों से मिले बगैर चली जाऊं। सब एक घंटे से मेरे साथ बैठे हैं। न मुझे हिरासत में रखने का कोई आधार दिया है, न कागजात दिए।’ अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘मैंने इनसे बताया कि मेरे वकीलों के मुताबिक मेरी गिरफ्तारी हर तरह से गैर-कानूनी है। मुझे इन्होंने सरकार का संदेशा दिया है कि मैं पीड़ित परिवारवालों से नहीं मिल सकती।’

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