नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में मन की बात की दूसरी कड़ी में रविवार को झारखंड और रांची की खूब चर्चा की। उन्होंने ओरमांझी के आरा केरम गांव में ग्रामीणों द्वारा किये गये काम की तारीफ की। कार्यक्रम के दौरान जल संरक्षण के महत्व पर उन्होंने कहा, मेरे कहने से पहले भी जल संरक्षण आपके मन को छूने वाला विषय था। देश में जल संरक्षण के कई तरीके अपनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा, रांची से कुछ दूर ओरमांझी प्रखंड के आरा केरम गांव में जल प्रबंधन का ऐसा प्रयास किया गया है, जो मिसाल बन गया है। ग्रामीण श्रमदान करके प्राकृतिक तरीके से जल प्रबंधन कर रहे हैं। ग्रामीणों ने श्रमदान करके पहाड़ से बहते झरने को एक निश्चित दिशा देने का काम किया। वह भी शुद्ध देसी तरीका। इससे न केवल मिट्टी का कटाव और फसल की बर्बादी रुकी है, बल्कि खेतों को भी पानी मिल रहा है। ग्रामीणों का ये श्रमदान, अब पूरे गांव के लिए जीवनदान से कम नहीं है। पीएम ने बताया कि मेघालय देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने अपनी जल नीति तैयार की है। साथ ही हरियाणा में उन फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिनमें कम पानी की जरूरत होती है।
पीएम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग विकास की मुख्य धारा से जुड़ने को बेताब हैं। उनमें प्रदेश और देश के विकास में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने का उत्साह देखते ही बनता है। पीएम ने बाढ़ के संकट में घिरे लोगों को भी आश्वस्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के साथ मिलकर पर्याप्त कदम उठा रही है। पीएम मोदी ने मन की बात में जम्मू-कश्मीर के शोपियां निवासी मोहम्मद असलम का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि असलम ने माइ गॉव ऐप पर कम्यूनिटी मोबिलाइजेशन प्रोग्राम ‘बैक टु विलेज’ के आयोजन की जानकारी दी। मोदी ने कहा, जब मैंने जून महीने में आयोजित बैक टु विलेज प्रोग्राम की जानकारी ली, तो पता चला कि कश्मीर के लोग विकास की मुख्य धारा से जुड़ने के लिए बेताब हैं। पीएम ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत पहली बार बड़े-बड़े अधिकारी गांवों में गये और ग्रामीणों ने जिन अधिकारियों को कभी देखा तक नहीं था, उनके सामने बैठकर अपनी समस्याएं खुलकर बतायीं। यह कार्यक्रम सरकारी खानापूर्ति नहीं थी, बल्कि राज्य की सभी करीब साढ़े चार हजार पंचायतों में आयोजित की गयी थी। पीएम ने कहा, इस बार अधिकारियों ने दो दिन और एक रात गांव में ही बितायी। इस दौरान सरकारी अधिकारियों ने गांव वालों को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी और यह भी जाना कि उन तक ये सरकारी योजनाएं पहुंचती भी हैं या नहीं।
सफल नहीं हो पायेंगे नफरत फैलाने वाले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि ‘बैक टु विलेज’ प्रोग्राम को दिलचस्प बनाने के लिए कई अन्य कार्यक्रम आयोजित किये गये। यह आयोजन जनभागीदारी का उत्सव बन गया। बैक टु विलेज कार्यक्रम के तहत अधिकारी दूर-दराज के गांवों में भी गये, जहां पहुंचने के लिए एक-डेढ़ दिन तक पैदल चलना पड़ा। शोपियां, पुलवामा, कुलगाम, अनंतनाग के गांवों में अधिकारियों का भव्य स्वागत हुआ। पीएम ने कहा, विकास की शक्ति, बम-बंदूक की शक्ति पर भारी पड़ती है। जो लोग नफरत फैलाना चाहते हैं, वे अपने मकसद में कभी सफल नहीं हो पायेंगे।
चंद्रयान 2 की लांचिंग से मिली दो सीख
प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्पेस मिशन के लिहाज से 2019 हमारे देश के लिए बहुत अच्छा साबित हो रहा है। मार्च में एसैट लॉन्च किया था और फिर जुलाई में चंद्रयान 2 मिशन की लांचिंग हुई। एसैट मिसाइल से महज तीन मिनट में तीन सौ किलोमीटर दूर सैटेलाइट को गिरा दिया गया। प्रधानमंत्री ने 22 जुलाई को लांच चंद्रयान मिशन 2 का जिक्र करते हुए कहा कि हमें इससे दो सीख मिलती है। उन्होंने कहा, चंद्रयान 2 मिशन कई मायने में विशेष है। चंद्रयान 2 से विश्वास और निर्भीकता की सीख मिली। हमें अपने टैलेंट पर विश्वास करना चाहिए, अपनी प्रतिभा पर भरोसा करना चाहिए। चंद्रयान 2 पूरी तरह से देश का मिशन है। मोदी ने आगे कहा, किसी भी व्यवधान से घबराना नहीं चाहिए। वैज्ञानिकों ने दिन-रात एक करके चंद्रयान की तकनीकी खामी को इतनी जल्दी ठीक कर दिया। व्यवधान के बाद भी चंद्रयान के गंतव्य तक पहुंचने का समय बदला नहीं। इससे सीख मिलती है कि हमारे जीवन में व्यवधान आते हैं, लेकिन इससे पार पाने की क्षमता भी हमारे अंदर ही होती है। पीएम ने कहा कि अब सितंबर महीने का बेसब्री से इंतजार है, जब लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर उतरेंगे।
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