राज्य में बाढ़ के हालात में धीरे-धीरे सुधार होता दिखाई दे रहा है। वर्तमान में बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या अब 18 रह गई है। राज्य में 22 मई से बाढ़ के हालात जो बने, वह अब भी कामय है। हालांकि, बीच-बीच में स्थिति काफी सामान्य हुई थी लेकिन अचानक फिर से बारिश तेज हो गई, जिसके चलते बाढ़ के हालात बेकाबू हो गए।
केंद्रीय जल आयोग की ओर से शनिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार निमातीघाटी (जोरहाट) और धुबरी में ब्रह्मपुत्र; एनटी रोड क्रॉसिंग (शोणितपुर) में जिया भराली; धरमतुल (नगांव) में कपिली नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से शनिवार की देर शाम को जारी आंकड़ों के अनुसार असम के धेमाजी, बिश्वनाथ, चिरांग, दरंग, नलबाड़ी, बरपेटा, बंगाईगांव, कोकराझार, धुबरी, दक्षिण सालमार, ग्वालपारा, कामरूप, कामरूप (मेट्रो), मोरीगांव, नगांव, गोलाघाट, जोरहाट, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया जिला के 43 राजस्व सर्किल के 1412 गांवों के 10,75,204 लोग प्रभावित हुए हैं।
बदली स्थिति में बाढ़ से 18 जिलों के 53,348.42 हेक्टयर कृषि भूमि अभी भी जलमग्न है। बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए 171 राहत शिविर बनाए गए हैं। राहत शिविरों में कुल 6,531 व्यक्ति रह रहे हैं। बाढ़ में शनिवार को 02 व्यक्तियों की मौत हो गई। इस बाढ़ में अब तक 39 लोगों की मौत हो गई है। बाढ़ के चलते 5,83,919 बड़े जानवर, 3,07,978 छोटे जानवर तथा 8,01,233 पोल्ट्री बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ, सर्किल अधिकारी, स्थानीय नागरिक, सिविल डिफेंस, आईडब्ल्यूटी की टीमों को तैनात किया गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 122 नावें तैनात की गई थीं। बाढ़ में फंसे 1,046 लोगों को बाहर निकलाकर सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है। बाढ़ प्रभावितों के बीच सरकार की ओर से 2028.25 क्वींटल चावल, 761.18 क्वींटल दाल, 228.35 क्वींटल नमक के अलावा अन्य सामग्रियों का वितरण किया गया है। बाढ़ के चलते कई सड़कें, बांस व आरसीसी के कई पुलों को भी नुकसान पहुंचा है।