रांची। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए झारखंड में 31 जुलाई तक किसी भी स्कूल-कॉलेज में नामांकन नहीं लेने का निर्देश दिया गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने किसी भी काम के लिए छात्र-छात्राएं, शिक्षक एवं कर्मचारियों के आने पर भी पाबंदी लगा दी है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की स्कूली शिक्षा और साक्षरता सचिव ने झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को इस बाबत पत्र लिख कर निर्देश दिया है। केंद्र सरकार के आदेश के बाद राज्य सरकार इसे लागू करने की तैयारी में जुट गयी है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने जानकारी दी कि राज्य के स्कूलों में आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देशों के आधार पर कार्य किया जा रहा है। केंद्र सरकार के निर्देश के आलोक में राज्य सरकार जो भी फैसला लेगी, उसका अनुपालन किया जायेगा।
आनलाइन शिक्षण पर जोर
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव अनिता करवाल ने निर्देश दिया है कि स्कूल-कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों के शिक्षक और कर्मचारी 31 जुलाई तक संस्थान नहीं आयेंगे। वे घर से ही काम करेंगे। स्कूल-कॉलेजों के छात्र-छात्राओं के लिए आॅनलाइन डिजिटल कंटेंट वे घर से ही भेजेंगे। इसके लिए वे स्कूल या अन्य जगहों पर नहीं आयेंगे।
यूजीसी ने दिया है आफलाइन परीक्षा लेने का निर्देश
झारखंड में आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देश पर सरकारी स्कूलों में दो-दो शिक्षक रोटेशन के आधार पर आ रहे थे। वे स्कूलों में ही नामांकन, पुस्तक वितरण, चावल वितरण समेत अन्य कार्य कर रहे थे। प्राथमिक शिक्षा निदेशक के निर्देश के बाद स्कूलों में सभी शिक्षकों को बुलाया गया था। परंतु नये निर्देशों के बाद इस पर पाबंदी लग गयी है। उधर, यूजीसी द्वारा आॅफलाइन परीक्षा लिये जाने के निर्देश का विरोध शुरू हो गया है। केंद्र सरकार के नये निर्देश को इस विरोध से ही जोड़ कर देखा जा रहा है।