रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के उन नौ लाख किसानों के लिए बड़ा फैसला किया है, जो प्रधानमंत्री किसान योजना पोर्टल में निबंधित नहीं हैं। उन्होंने मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित झारखंड मंत्रालय में राज्य में धान उत्पादन एवं बाजार अभिगम्यता और सुलभता के लिए ‘सहायता’ नामक प्रस्तावित नयी योजना एवं बाजार समिति के प्रस्ताव की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिया कि छूट गये किसानों को यथाशीघ्र पीएम किसान योजना से जोड़ा जाये, ताकि उन्हें भी लाभ मिल सके। सीएम ने कहा कि 23 लाख किसान निबंधित हैं। नौ लाख किसानों का आवेदन लंबित क्यों है। अगर ये छूटे हुए किसान निबंधित हो जाते हैं, तो राज्य के 32 लाख किसानों को लाभ होगा। इसलिए जल्द से जल्द निबंधन की प्रक्रिया शुरू की जाये। हर छोटे, मंझोले और सीमांत किसान को योजना से लाभान्वित करना है, इसे लक्ष्य मान कार्य करें, ताकि 15 अगस्त तक इन सभी किसानों के खाते में योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता दी जा सके। सीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए लघु, सीमांत एवं प्रवासी श्रमिकों को योजना का लाभ अवश्य दें।
प्रवासी श्रमिकों को भी योजना से जोड़ें
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जितने भी प्रवासी श्रमिक वापस आये हैं, उनका डाटा उपायुक्तों के माध्यम से तैयार करें। ऐसे प्रवासी श्रमिक, जिनकी जमीन है, उन्हें पीएम किसान योजना पोर्टल में निबंधित करें। नये सिरे से किसानों की पहचान की आवश्यकता है, ताकि 15 अगस्त तक छूटे हुए किसानों को लाभान्वित करने का कार्य हो सके।
इस स्थिति को बदलने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान बढ़ नहीं रहे, बल्कि किसान अब घटते हुए खेतिहर मजदूर बनते जा रहे हैं। मौसम की विषमता छोटे और मंझोले किसानों की परेशानी का सबब बन गयी है। किसान पलायन भी कर रहे हैं। ऐसे में स्थिति को बदलने और इस विषय पर विशेष कार्य योजना बनाने की जरूरत है।
ये रहे उपस्थित
समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी, रांची उपायुक्त छवि रंजन, कृषि विभाग के अपर सचिव सुनील कुमार सिन्हा, कृषि विभाग के विशेष सचिव सह सलाहकार प्रदीप हजारी और अन्य उपस्थित थे।
‘सहायता’ योजना की खास बातें
’वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए धान उत्पादन एवं आर्थिक सहायता हेतु दो सौ करोड़ का बजट
’योजना का उद्देश्य किसानों को प्रति क्विंटल पांच सौ रुपये की आर्थिक सहायता देना, जिन किसानों का धान राज्य सरकार क्रय करेगी
’बाजार समिति के प्रस्ताव की खास बातें
’झारखंड में ‘एक राज्य एक बाजार’ की जरूरत
’किसी भी व्यापारी को उसे एक जिला में ही व्यापार करने की बाध्यता नहीं
’निजी बाजार की स्थापना
’बाजार यार्ड के बाहर कृषक से थोक प्रत्यक्ष खरीद
’घोषित बाजारों के रूप में गोदामों, कोल्ड स्टोरेज की घोषणा करना
’ई- बाजार
’राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में बाजार शुल्क एकल
’एकल ट्रेडिंग लाइसेंस
’एकीकृत बाजार क्षेत्र, बाजार समिति का गठन, बाजार शुल्क।