राजस्थान के सियासी संकट का 14वां दिन है, सभी की नजरें आज राजस्थान हाईकोर्ट पर है। दरअसल हाईकोर्ट सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष की ओर से दिए नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगा। यह सुनवाई मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ में होगी।
इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में विधानसभा अध्यक्ष की ओर से दायर विशेष याचिका पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट को आदेश जारी करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर अमल हमारे फैसले पर निर्भर करेगा। कोर्ट ने कहा कि इस मसले पर विस्तार से सुनवाई करने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
प्रदेश के सियासी संकट के फिलहाल खत्म होने के आसार नहीं लग रहे हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार देर शाम राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। इस दौरान दोनों ने करीब 20 मिनट तक चर्चा की। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की तैयारी कर रहे हैं।
सियासी घमासान के बीच कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर हमलावर है। मुख्यमंत्री गहलोत ने राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के पास पूर्ण बहुमत होने का दावा किया है और कहा कि जल्द ही इसे विधानसभा में सबके सामने लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व के इशारों पर हो रही छापेमारी से राजस्थान घबराने वाला नहीं है। पूरा कांग्रेस विधायक दल एकजुट हैं और भाजपा का चुनी हुई सरकार गिराने का षडयंत्र कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनियां ने भी कांग्रेस पर जोरदार मौखिक हमला बोला। बतौर पूनियां- “गहलोत सरकार अल्पमत में है। जिस कांग्रेस ने आजादी के बाद से कई सरकारें गिराईं और कई सरकारों को गिराने का षडयंत्र रचा, वह अब नैतिकता की दुहाई दे रही है। जनता सब देख रही है और समझ रही है, वक्त आने पर वह इस सरकार को भी जवाब दे देगी। ”