कोविड-19 ग्रसित मरीजों तक भोजन-पानी पहुंचाने में अब दिक्कत नहीं होगी। न ही यह जिम्मेदारी निभाने वाला ही संक्रमित मरीज के संपर्क में आएगा, जिससे उसके भी संक्रमित होने का भय हो। वजह, पूर्वोत्तर रेलवे ने रोबो-ट्राली तैयार करना शुरू कर दिया है।
उम्मीद जताई जा रही है कि यह रोबो-ट्राली एक-दो सप्ताह में बनकर तैयार हो जाएगी और इसे अस्पताल को सौंप दिया जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे के मकैनिकल वर्कशॉप में बन रहे रोबो-ट्राली को 23 मीटर की दूरी से ऑपरेट किया जा सकेगा।
यह है विशेषता
यह ट्रॉली चार लेयर की है। सबसे ऊपर खाने की थाली होगी। उसके नीचे पानी, तीसरे लेयर में दवाइयां और अंतिम लेयर में न्यूजपेपर रखा जा सकेगा।
एक-दो सप्ताह में हो जाएगा तैयार
उम्मीद है कि अगले एक-दो सप्ताह में चार ट्रालियों को वर्कशाप द्वारा रेलवे अस्पताल को सौंप सकता है। फिर अस्पताल में सर्विस शुरू हो जाएगी। रोबो-ट्रॉली जरिए मरीजों तक खाना पहुंचाने के मामले में रेलवे हॉस्पिटल पूर्वांचल का पहला अस्पताल होगा।
23 मीटर की दूरी से होगा ऑपरेट, संक्रमण फैलने का भय नहीं
ट्रॉली बनाने में जुटे इंजीनियरों का कहना है कि इसे 23 मीटर की दूरी से ऑपरेट किया जा सकेगा। इससे किसी भी कर्मचारी को किसी भी मरीज से संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा। ट्रॉली को वार्ड के आउटर लॉन से ऑपरेट किया जाएगा।
एक वार्ड में लगेगी एक ट्रॉली
रेलवे अस्पताल में कोरोना के चार वार्ड बनाए गए हैं। हर वार्ड में एक ट्रॉली रखी जाएगी। मांग के अनुसार ट्रालियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। इस नए सिस्टम से एक-एक बेड तक रोबो आसानी से पहुंच जाएगा और मरीजों को खाना और दवाएं सर्व कर देगा।
इस सम्बंध में पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज सिंह का कहना है कि रेलवे वर्कशॉप में रोबा-ट्रॉली बनाई जा रही है। इसके बन जाने से कोविड वार्ड में दवाएं व अन्य जरूरी सामान आसानी से पहुंचाए जा सकेंगे।