कोलकाता। वैसे तो बांग्लादेश भारत का अजीज दोस्त है, लेकिन संकट की इस घड़ी में एक तरफ जहां चीन से टकराव चल रहा है। वहीं, दूसरी तरफ बांग्लादेश के कारोबारियों ने भी भारत से कारोबार को रोक दिया है। पिछले 3 दिनों से सीमा पर इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
इस बीच बांग्लादेशी व्यापारियों का कहना है कि भारत ने बांग्लादेश से आयात पर रोक लगा कर रखी है। जब तक भारत सरकार इस पर रोक नहीं हटाएगी तब तक भारत से निर्यात को भी मंजूरी नहीं देने दी जाएगी। दरअसल बुधवार से ही ये संकट गहराना शुरू हुआ था, जो तीन दिनों बाद शनिवार तक सुलझ नहीं पाया है।
लैंड ट्रांसपोर्ट यानी सड़क मार्ग से भारत-बांग्लादेश के बीच मौजूद पेट्रापोल सीमा से आयात निर्यात होता है। दोनों ही तरफ से सैकड़ों की संख्या में ट्रकों में माल भरकर लाए और ले जाए जाते हैं। लेकिन, व्यापारियों के मनमुटाव की वजह से तीन दिन से सीमा के दोनों पार सैकड़ों की संख्या में ट्रक खड़े हैं। इन ट्रकों में कई ऐसे माल हैं जो अगर अधिक दिनों तक पड़े रहे तो खराब हो सकते हैं। इसलिए व्यापारियों की चिंता बढ़ गई है।
भारतीय निर्यातकों के महासंघ “फियो” के पूवी क्षेत्र के चेयरमैन सुशील पटवारी ने कहा, ‘ तीन दिनों से भारत से पेट्रापोल के जरिये कोई निर्यात नहीं हुआ।’ उन्होंने मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हस्तक्षेप करने की मांग की है। भारत-बांग्लादेश के बीच सालाना 35 हजार करोड़ का व्यापार होता है।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने 7 जून को भारतीय व्यापारियों को बांग्लादेश निर्यात की मंजूरी दी थी। हालांकि, एक महीने के करीब होने को आए हैं, बांग्लादेश से आयात की मंजूरी अभी तक नहीं दी गई है। विरोध कर रहे बांग्लादेशी व्यापारियों का कहना है कि हम जो सामान भारत से आयात करते हैं उसे तैयार कर वापस निर्यात भी करते हैं। लेकिन भारत द्वारा आयात बंद करने से हमारा काफी नुकसान हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि पेट्रोपोल-बेनापोल के जरिए दोनों देश के बीच सालाना करीब 35 हजार करोड़ रुपये का व्यापार होता है। अगर भारत सरकार आयात को मंजूरी नहीं देगी तो निर्यात करने का कोई औचित्य नहीं बनता है। इसीलिए जब तक भारत सरकार इस मामले का संज्ञान नहीं लेगी तब तक यह विवाद सुलझना संभव नहीं दिखता।