बिकरू गांव में 2 जुलाई को हुए शूटआउट में दुर्दांत विकास दुबे के साथी और एक लाख रुपए के इनामी बदमाश गोपाल सैनी ने पुलिस को चकमा देकर कानपुर देहात की माती कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। गोपाल सैनी बिकरू शूटआउट कांड के बाद से ही फरार चल रहा था। गोपाल सैनी वही शख्य है जिसने पुलिस पर हमले के लिए देसी बम तैयार किए थे। इतना ही नहीं, 2 जुलाई की रात अपनी छत से पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग के साथ बमबाजी भी की थी। तभी से एसटीएफ और पुलिस की टीमें इसकी तलाश में जुटी थी।

दरअसल, यूपी एसटीएफ और पुलिस ने दुर्दांत विकास दुबे और उसके पांच साथियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। साथियों के मुठभेड में मारे जाने के बाद गोपाल सैनी को भी अपनी जान का डर सताने लगा था। उसे डर था कि अगर वह पुलिस के हत्थे चढ़ा तो उसका भी खात्मा हो सकता है। लिहाजा उसने बड़े ही शातिराना ढंग से आधी रात को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। बता दें बिकरू प्रकरण में पुलिस ने फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह पोस्टर लगाए हैं। इनमे गोपाल सैनी भी शामिल था। हालांकि पुलिस को अभी और 12 आरोपियों की तलाश है। इन सभी के ऊपर भी पुलिस ने एक-एक लाख का इनाम घोषित कर रखा है।

वहीं, एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि गोपाल सैनी पर पहले 50 हजार इनाम था, जिसे बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया गया था। जांच में सामने आया था कि विकास के घर के सामने से गोपाल सैनी के घर पर भी असलहाधारी हमलावर मौजूद थे। गोपाल ने ही पुलिस पर बमों से हमला किया था। एसपी ने बताया कि गुरुवार को गोपाल को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।

बम बनाने का था मास्टर माइंड

बम बनाने का मास्टर माइंड गोपाल सैनी सरकारी राशन की दुकान चलाता था। जांच में पता चला कि विकास दुबे के नौकर दया शंकर के नाम पर सरकारी राशन की दुकान थी, लेकिन चला गोपाल सैनी ही रहा था। पुलिस पर भी हमले के लिए उसने ही बम तैयार किए थे। विकास के घर और पंचायत भवन से बम बरामद हुए थे। इसके घर से बम बनाने का मैटीरियल पुलिस ने बरामद किया था।

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