स्वास्थ्य कर्मचारियों की समस्याओं से हुए अवगत, समाधान का दिलाया भरोसा
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता प्लाज्मा थेरेपी प्रक्रिया के उद्घाटन के बाद जब रिम्स में पत्रकारों से बात कर रहे थे तो उन्हें पता चला कि सदर अस्पताल में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। मंत्री तुरंत ही मामले की जानकारी लेने सदर अस्पताल पहुंचे और वहां निरीक्षण किया। जब स्वास्थ्य मंत्री सदर अस्पताल पहुंचे, तो वहां गंदगी को देख भड़क गये। सिविल सर्जन से कारण पूछा, साथ ही उन्होंने तुरंत सफाई कराने का निर्देश देते हुए पूरी रिपोर्ट मांगी।
सुरक्षा को दुरुस्त करने का निर्देश दिया
मंत्री जब सदर अस्पताल आये, तो देखा सुरक्षा गार्ड नही हैं। लोग बेवजह घूम रहे हैं। मंत्री सुरक्षा व्यवस्था से नाराज दिखे और सुरक्षा प्रभारी को व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश देते हुए सिविल सर्जन से रिपोर्ट मांगी।
अस्पताल परिसर की सड़कों के लिए मांगा प्रस्ताव
मंत्री ने सिविल सर्जन और डीडीसी से अस्पताल परिसर के जजर्र हालात के बारे में पूछा तो पता चला कि भवन निर्माण विभाग के द्वारा ही सड़क निर्माण का कार्य किया जायेगा, उन्होंने डीडीसी रांची और सिविल सर्जन रांची को प्रस्ताव बना कर संबंधित विभाग भेजने की बात कही। सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि सदर अस्पताल की व्यवस्था को 15 दिनों के भीतर दुरुस्त करें, जो भी कमी या खामियां हैं, उसे चिह्नित कर विभाग को भेजें।
आंदोलनरत स्वास्थ्य कर्मियों से बातकर विवाद सुलझाया
स्वास्थ्य मंत्री आंदोलनरत स्वास्थ्य कर्मियों से मिले और उनकी बातों को सुना। उन्होंने 5 सदस्यीय प्रतिनिधियों से वार्ता कर मामले को सुलझाया।
मांग- सैंपल कलेक्शन के लिए सैंपल बूथ के अलावा अलग वाहन मुहैया कराया जाये।
मंत्री का निर्देश- स्वास्थ्य मंत्री ने सिविल सर्जन रांची और डीडीसी रांची को 10 वाहन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
मांग- अल्टरनेटिव डे के हिसाब से उन्हें छुट्टी मिले।
मंत्री- इस समय कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा हैं। इसलिए अभी ये संभव नहीं हैं क्योंकि मैनपॉवर की भी कमी हैं। उनके आग्रह पर स्वास्थ्य कर्मी 4 दिन के बाद एक दिन की छुट्टी पर सहमत हुए।
मांग-कार्य में दूर रहने या व्यस्त रहने के कारण भोजन नहीं मिलता।
मंत्री-स्वास्थ्य मंत्री ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि सहूलियत के हिसाब से कोई बेहतर व्यवस्था कर भोजन की समस्या को दूर करें।
मांग-इंसेंटिव की मांग
मंत्री-स्वास्थ्य मंत्री ने एनआरएचएम के निदेशक रवि शंकर शुक्ला को फोन पर निर्देश दिया कि अन्य राज्यों के अनुसार प्रस्ताव बनाकर भेजें। वह खुद मुख्यमंत्री से इस मुद्दे को लेकर बात करेंगे।