रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ हमें और लड़ाई लड़नी है। ऐसे में श्रावणी मेला नजदीक है। श्रावण मास में पूरे देश से श्रद्धालु बाबाधाम और बासुकीनाथ आते हैं। राज्य सरकार राज्यवासियों के बेहतर स्वास्थ्य के प्रति गंभीर है। सरकार संक्रमण काल में लोगों के स्वास्थ्य को लेकर किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती, जिससे झारखंड महामारी के बुरे दौर में चला जाये। संक्रमण को हल्के में नहीं लेना है। इसके प्रति गंभीरता जरूरी है। पूरी सतर्कता से कार्य करना है। इस वजह से राज्य सरकार ने श्रावणी मेला का आयोजन इस वर्ष नहीं करने का निर्णय लिया है। हमें सामाजिक व्यवस्था और परंपरा को स्थगित रखते हुए कार्य करना है। वह गुरुवार को श्रावणी मेला के आयोजन को लेकर देवघर और दुमका की उपायुक्तों से बात कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी संक्रमण का दौर है और मंदिर में श्रद्धालु नहीं आ रहे हैं। प्रोटोकॉल के तहत सिर्फ पुजारी भगवान की आराधना कर रहे हैं। ऐसे में दुमका और बासुकीनाथ मंदिर परिसर के भीतरी और बाहरी परिसर का निरीक्षण जिला प्रशासन करे और जहां भी किसी तरह की मरम्मत, निर्माण, बदलाव और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को देखते हुए कार्य करने की आवश्यकता हो, तो यथाशीघ्र करे। बाबा मंदिर और बासुकीनाथ मंदिर का रंग-रोगन कर मंदिर को और भव्यता प्रदान की जाये। पूरे मंदिर परिसर को हाइजेनिक बनाया जाये। सीएम ने कहा कि वह स्वयं मंदिर परिसर देखने का प्रयास करेंगे। इस बीच दोनों उपायुक्त मंदिर समिति के लोगों के साथ मंदिर का निरीक्षण कर योजना तैयार करें।
सीएम के फैसले का बासुकीनाथ के पंडों ने किया स्वागत
इस बीच धर्मरक्षिणी सभा, बासुकीनाथ के प्रतिनिधि मंडल ने सीएम से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने श्रावणी मेला स्थगित किये जाने के निर्णय का स्वागत किया। प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि सरकार के निर्णय के आलोक में कार्य होगा। दैनिक पूजन कार्य के अतिरिक्त किसी भी तरह की गतिविधियां बासुकीनाथ धाम में नहीं होंगी। मुख्यमंत्री को प्रतिनिधिमंडल द्वारा पंडा समाज के लिए आर्थिक पैकेज, मंदिर का सुंदरीकरण, शिव गंगा की सफाई समेत अन्य मांगों से संबंधित मांगपत्र सौंपा गया। मुख्यमंत्री ने धर्मरक्षिणी सभा द्वारा किये जा रहे सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री का निर्देश
>>शिवगंगा में किसी को स्नान करने नहीं दें, बैरिकेडिंग करें
>>सूचना तंत्र को सशक्त करें, ताकि श्रद्धालु जमा न हो सकें
>>किसी भी राज्य से बस देवघर और दुमका की सीमा तक न आने पाये
>>झारखंड की सीमा पर सूचना पट्ट लगाया जाये, जिससे पता चल सके कि श्रावणी मेला का आयोजन संक्रमण की वजह से स्थगित है
>>मंदिर परिसर में किसी तरह की भीड़ न हो
>>पंडा समाज के लोग, जन प्रतिनिधियों का सहयोग लें
>>पूरी सतर्कता और प्रोटोकॉल के तहत पूजन का कार्य सुनिश्चित हो, अन्य गतिविधियां नहीं हों
ये थे उपस्थित : वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, डीजीपी एमवी राव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, पर्यटन सचिव पूजा सिंघल, दुमका और देवघर उपायुक्त व एसपी उपस्थित थे।