देश के तमाम बड़े शहरों में टमाटर की खुदरा कीमत 70-80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। लेकिन, मंडियों में टमाटर का थोक भाव 40 रुपये से लेकर 50 रुपये प्रति किलो तक है। जायके का स्वाद बढ़ाने वाले टमाटर की कीमत में अचानक तेजी आने से अधिकांश लोगों के किचन ये गायब हो गया है। हालांकि, सरकार और विशेषज्ञों का मानना है कि आमतौर पर ये समय ऊपज का नहीं होने की वजह से टमाटर की कीमतों में तेजी दिख रही है
एशिया के सबसे बड़े सब्जी मंडी आजादपुर में टमाटर एसोसिएशन के प्रधान अशोक कौशिक ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में शनिवार को बताया कि टमाटर की कीमत में ये तेजी लगातार बारिश होने की वजह से फसल का खराब होना है। हालांकि, मंडी में टामाटर थोक में 40-50 रुपये प्रति किलो के भाव पर ग्राहकों को मिल रहा है। कौशिक ने कहा कि नई फसल हिमाचल प्रदेश और अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों से आने के बाद कम होगी।
गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर में टमाटर की खुदरा कीमतें 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ गई, जोकि एक महीने पहले 20 रुपये प्रति किलो बिक रही थी। वहीं, देश के कुछ हिस्सों में टमाटर 70-80 रुपये प्रति किलो के भाव बिक रहा है। इसके अलावा देश के अन्य प्रमख शहरों रायपुर, पटना, सिलीगुड़ी, गंगटोक और गुड़गांव में टमाटर 70 रुपये प्रति किलो के भाव बिक रहा है, जबकि गोरखपुर, कोटा और दीमापुर में 80 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव मिल रहा है।
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने भी कहा था कि ये कम उत्पादन वाला मौसम है, जिसमें टमाटर के खराब होने की संभावना भी ज्यादा रहती है। मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक आमतौर पर जुलाई से सितंबर के दौरान टमाटर की कीमतें ज्यादा रहती हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में सालाना लगभग एक करोड़ 97 लाख टन टमाटर का उत्पादन होता है, जबकि खपत लगभग एक करोड़ 15 लाख टन है।