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    Home»Jharkhand Top News»पहली बार कोल इंडिया के जबड़े से निकाला ढाई सौ करोड़ : हेमंत
    Jharkhand Top News

    पहली बार कोल इंडिया के जबड़े से निकाला ढाई सौ करोड़ : हेमंत

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskJuly 31, 2020Updated:July 31, 2020No Comments5 Mins Read
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    रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड को पहली बार उसका हक मिला है। गुरुवार को केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि पहली बार सरकारी जमीन पर खनन के मुआवजे के तौर पर राज्य को ढाई सौ करोड़ रुपये मिले हैं। कोल इंडिया के जबड़े से पहली बार इतनी रकम राज्य सरकार ने निकाली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोयला मंत्री से मुलाकात में सकारात्मक बातें हुईं। कोल इंडिया का एक बहुत बड़ा हिस्सा राज्य में कार्यरत है। इसमें कई विषय बरसों से लंबित चले आ रहे हैं। इसके बावजूद कोल इंडिया खनन किये जा रहा है। इस पर चर्चा-वार्ता होती रही, लेकिन कोई फलाफल नहीं निकला। केंद्रीय मंत्री ने बहुत सकारात्मक आश्वासन दिया है। इसके अनुरूप पहला कदम उठाया भी है। मुझे उम्मीद है कि अब राज्य सरकार का हक, जिसे कोल इंडिया ने दबा रखा था, हम निकाल पाने में सक्षम होंगे।

    छह माह की कोशिश का नतीजा निकला
    सीएम ने कहा कि विगत 2009 से लेकर के 2019 तक लगभग 10 साल के कार्यकाल में सरकारी जमीन से कोल इंडिया ने कोयला निकाला। इसमें से एक भी रुपया रेवेन्यू के रूप में राज्य सरकार को नहीं मिला है। अलग राज्य बनने के बाद आज तक कोई भी सरकार हक लेने में नाकाम रही। आज पहली बार लगातार छह महीने के प्रयास करने के उपरांत यह मार्ग प्रशस्त हुआ है। सीएम ने कहा कि हमने सरकारी जमीन के मुआवजे को लेकर शिकायत की है । इसमें झाड़-झंखाड़ वाली जमीन, जिस पर खनन हुआ है, शामिल है। इसमें लगभग आठ हजार करोड़ रुपये का दावा झारखंड ने किया है। सीएम ने कहा कि अब उसका लगातार आकलन किया जायेगा। उसी हिस्से में से आज ढाई सौ करोड़ रुपये भारत सरकार ने राज्य सरकार को दिया है। यह एक बेहतर संकेत है।

    अधिकांश मुद्दे सुलझ गये, जल्द होगा बकाये का भुगतान : कोयला मंत्री
    रांची (आजाद सिपाही)। केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ बातचीत में जमीन अधिग्रहण, ट्रांसपोर्ट चलन और रॉयल्टी सहित तमाम मुद्दों का समाधान निकल गया है। गुरुवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को एक समय सीमा के अंदर सभी बकाया मुआवजे का भुगतान कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि 18 सौ हेक्टेयर जमीन कब्जे में है। इसका ट्रांसफर रद्द कर राज्य सरकार को इसका मुआवजा दे दिया जायेगा। इसकी शुरुआत करते हुए भूमि अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार का बकाया ढाई सौ करोड़ रुपये का चेक सौंपा गया है। श्री जोशी ने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान केंद्र और राज्य सरकार बैठकर कर सकती हैं। कमर्शियल कोल ब्लॉक आवंटन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ सकारात्मक बातचीत हुई है। जिन मुद्दों पर मुख्यमंत्री ने ध्यान आकृष्ट कराया है, उसे जल्द सुलझा लिया जायेगा। रॉयल्टी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने मांग की थी कि चलन और काटे गये इनवॉयस पर राज्य सरकार को रॉयल्टी मिलना चाहिए। इस पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सॉफ्टवेयर को जोड़ देने से समस्या का समाधान हो जायेगा। उन्होंने कहा कि कोयला ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण है। 25 से 30 साल की अवधि में कोयला पर निर्भरता समाप्त हो जायेगी। मौके पर केंद्रीय जनजातीय कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि कोयला के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता कैसे बढ़े। कोयला के आयात को कैसे रोका जाये, जो भी मुद्दे हैं, उसका समाधान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया है कि जो भी मुद्दे हैं, उनका राज्य और देश के हित में समाधान कर लिया जायेगा।

    31 अगस्त तक लॉकडाउन कोई नयी छूट नहीं मिलेगी
    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लॉकडाउन के विषय पर कहा कि हमारी नजर बनी हुई है। आप लोग बिल्कुल आश्वस्त रहें। सभी चीजों पर, सभी गतिविधियों पर हमारी नजर है। हम लोगों ने दो-तीन दिन के अंदर लाखों टेस्ट करने का लक्ष्य रखा है। संबंधित विभाग इस पर तेजी से काम कर रहा है। हमने आकलन करने का फार्मूला विभाग में तय किया है। उसके अनुरूप राज्य में कोरोना की गतिविधि, किस तरीके से उतार-चढ़ाव हो रहा है, यह देखा जायेगा। रिपोर्ट के आने के बाद समुचित निर्णय लेंगे। वैसे केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप लॉकडाउन की स्थिति है वह 31 जुलाई तक की थी। वह अभी यथावत बनाने के लिए 31 अगस्त तक बढ़ाने का हमने निर्देश दिया है।

    होम क्वारेंटाइन के लिए नया नियम लागू
    बाहर से झारखंड आनेवालों को होम क्वारेंटाइन में रहने के लिए नया नियम लागू किया गया है। मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने गुरुवार को जारी आदेश में कहा है कि अब बाहर से आनेवाले प्रत्येक व्यक्ति के दाहिने हाथ की चार अंगुलियों पर चुनाव के समय इस्तेमाल की जानेवाली स्याही लगायी जायेगी। केवल तर्जनी में यह स्याही नहीं लगायी जायेगी। इसके अलावा ऐसे सभी लोगों को एक होम क्वारेंटाइन आदेश की प्रति भी सौंपी जायेगी। इस काम के लिए हरेक रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे और बस अड्डों पर सहायता डेस्क या कियोस्क की स्थापना करने का आदेश उन्होंने सभी उपायुक्तों को दिया है। आदेश में कहा गया है कि होम क्वारेंटाइन किये गये लोगों का किसी से भी मिलना पूरी तरह वर्जित रहेगा। बाहर का कोई भी व्यक्ति उस घर में प्रवेश नहीं करेगा। घरों के बाहर स्टिकर या पोस्टर लगाये जायेंगे। होम क्वारेंटाइन किये गये लोगों की औचक जांच प्रशासन द्वारा की जायेगी। यदि प्रशासन को लगेगा कि होम क्वारेंटाइन की पर्याप्त सुविधा उस व्यक्ति के पास नहीं है, तो उसे पेड या संस्थागत क्वारेंटाइन में भेजा जायेगा।

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