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    Home»ताजा खबरें»शहीद दिवस के बहाने आज ममता के लिए राष्ट्रीय राजनीति का मंच तैयार
    ताजा खबरें

    शहीद दिवस के बहाने आज ममता के लिए राष्ट्रीय राजनीति का मंच तैयार

    sonu kumarBy sonu kumarJuly 21, 2021No Comments3 Mins Read
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    पश्चिम बंगाल में हर साल मनाये जाने वाले शहीद दिवस के लिए आज फिर से मंच तैयार है। तैयारियों से लगता है कि तृणमूल अध्यक्ष और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मंच का न सिर्फ राजनीतिक उपयोग करने जा रही हैं, बल्कि इसे इस कार्य के लिए राष्ट्रीय अवसर बनाया जा रहा है। पहली बार मुख्यमंत्री के भाषण का हिन्दी, अंग्रेजी और गुजराती सहित विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया जायेगा। पश्चिम बंगाल के बाहर कई राज्यों में ममता के भाषण को बड़े परदों के जरिए लोगोॆ के बीच ले जाने की तैयारी है।

    1993 में कोलकाता में युवा कांग्रेस की ओर से सचिवालय घेराव के दौरान पुलिस की फायरिंग में 13 लोगों के मारे जाने की याद में बंगाल में शहीद दिवस मनाया जाता है। तब ममता बनर्जी युवा कांग्रेस की अध्यक्ष हुआ करती थीं। हर साल आयोजित होने वाले इस वार्षिक कार्यक्रम के जरिए मुख्यमंत्री अपने भविष्य की राजनीति की रूपरेखा बताती हैं।

    राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस बार विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद ममता बनर्जी की निगाहें 2024 के लोकसभा चुनाव पर हैं। ममता बनर्जी के भाषण को अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग राज्यों में प्रसारित करने के पीछे यही मकसद देखा जा रहा है। अगर मुख्यमंत्री की राजनीति केवल बंगाल तक केंद्रित रहती तो उनके संबोधन को हिंदी, अंग्रेजी गुजराती और अन्य भाषाओं में प्रसारित करने का कोई औचित्य नहीं था। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बनर्जी के भाषण को पश्चिम बंगाल में बड़े पर्दों पर प्रसारित किया जाएगा। फिर पहली बार तमिलनाडु, दिल्ली, पंजाब, त्रिपुरा, गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे दूसरे राज्यों में भी इसका प्रसारण किया जाएगा।

    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री महामारी के कारण लगातार दूसरे साल वर्चुअल तरीके से लोगों को संबोधित करेंगी। पार्टी नेता ने बताया कि पश्चिम बंगाल में भाषण बांग्ला में प्रसारित किया जाएगा, जबकि अलग-अलग राज्यों में स्थानीय भाषाओं में अनुवादित भाषण प्रसारित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गढ़ गुजरात में भी कई जिलों में बनर्जी के भाषण को बड़े पर्दे पर प्रसारित करने की योजना है। मूल रूप से इस बार के बहुचर्चित विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीत के बाद ममता बनर्जी का यह संबोधन बेहद महत्वपूर्ण है। इसके अलावा अन्नाद्रमुक की बेहद लोकप्रिय रहीं दिवंगत नेता जयललिता की तरह ममता बनर्जी को “अम्मा” बताते हुए चेन्नई में पोस्टर लगाए गए हैं। इसकी वजह से माना जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस दक्षिण भारत के राज्यों में भी अपनी पैठ बनाने की कोशिश में जुट गई है।

    उल्लेखनीय है कि 1993 में 21 जुलाई को कोलकाता में युवा कांग्रेस की ओर से सचिवालय घेराव अभियान किया गया था। ममता उस समय बंगाल में युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थीं । इस अभियान के दौरान पुलिस की फायरिंग में 13 लोग मारे गए थे। उन्हीं की याद में हर साल शहीद दिवस कार्यक्रम का आयोजन होता रहा है। खासकर 2011 में ममता बनर्जी की सरकार बनने के बाद हर साल बड़े पैमाने पर कोलकाता में इसका आयोजन होता है, जिसमें मुख्यमंत्री अपने आगे की राजनीतिक रणनीति के बारे में घोषणा करती हैं।

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