नई दिल्ली। केंद्र सरकार के ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं होने के बयान को लेकर अब विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। विपक्ष जहां केंद्र के इस बयान को लेकर हमलावर है, वहीं सत्तापक्ष विपक्षी दलों के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि विपक्ष इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है और किसी भी राज्य सरकार ने यह नहीं कहा है कि ऑक्सीजन के अभाव में कोई मौत हुई है।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस मामले पर दोहरा रवैया अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल इस मुद्दे पर जनता के बीच भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने शिवसेना के संजय राउत पर भी जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाया।
पात्रा ने कहा कि चाहे कोरोना महामारी हो या वैक्सीन का मामला, राहुल गांधी ट्विटर ट्रोल के रूप में काम करते हुए भ्रम फैलाते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्यों से जो रिपोर्ट मिली थी, उसी के आधार पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने संसद में कहा था कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नही हुई है। उन्होंने आगे कहा कि सदन में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत पर सवाल पूछा गया था। इस पर केंद्रीय मंत्री ने जो उत्तर दिया , उस पर तीन चीजें ध्यान देने योग्य हैं। पहला, केंद्र सरकार कहती है कि स्वास्थ्य राज्यों का विषय है। दूसरा, केंद्र का कहना है कि हम सिर्फ राज्यों के भेजे डेटा को संग्रहित करते हैं और तीसरा केंद्र का कहना है कि उसने एक गाइडलाइन जारी की है, जिसके आधार पर राज्य अपने मौत के आंकड़ों को रिपोर्ट कर सकें।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी राज्य ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर हुई मृत्यु पर कोई आंकड़ा नहीं भेजा। किसी ने ये नहीं कहा कि उनके राज्य में ऑक्सीजन की कमी को लेकर मौत हुई है। न्यायाधीशों के सामने महाराष्ट्र सरकार ने माना है कि किसी प्रकार से कोई मृत्यु ऑक्सीजन की कमी के कारण नहीं हुई है। पात्रा ने कहा कि छत्तीसगढ़, जहां कांग्रेस की सरकार है वो खुद कह रही है कि हमारे राज्य में एक भी मृत्यु ऑक्सीजन की कमी के कारण नहीं हुई है। ऐसे में विपक्ष संवेदनहीनता का परिचय देते हुए इस मुद्दे पर राजनीति करने में जुटा है।