रांची। सोशल एक्टिविस्ट स्टेन स्वामी का सोमवार को निधन हो गया। वे 83 साल के थे। मुंबई में इलाज के दौरान सोमवार को दिन के 1.30 बजे उनकी मौत हो गयी। रविवार से वह वेंटिलेटर पर थे। सोमवार को ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी जमानत पर सुनवाई हो रही थी। जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एमजे जमादार की बेंच जमानत पर सुनवाई कर रही थी। स्टेन स्वामी ने अपनी उम्र और बीमारी का हवाला देकर जमानत की गुहार लगायी थी। सुनवाई के दौरान ही दिन के 2.30 बजे वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर देसाई ने अदालत को जानकारी दी कि उनकी मौत हो चुकी है।
एनआईए ने रांची से किया था गिरफ्तार
भीमा कोरेगांव मामले में फादर स्टेन स्वामी को बीते 8 अक्टूबर 2020 को कोरेगांव रांची के नामकुम थाना क्षेत्र स्थित बगइचा स्थित उनके आवास से एनआईए ने गिरफ्तार किया था। उन पर भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा को भड़काने का आरोप लगा था।
स्टेन स्वामी महाराष्ट्र पुलिस और एनआइए के रडार पर थे
लंबे समय से स्टेन स्वामी महाराष्ट्र पुलिस और एनआइए के रडार पर थे। साल 2018 में पुणे की पुलिस ने भी उनसे रांची में पूछताछ की थी। वर्ष 2018 से अब तक कई बार एनआइए ने भी उनसे पूछताछ की थी। जानकारी के अनुसार साल 2020 में 27 जुलाई से 30 जुलाई और 6 अगस्त को कुल मिलाकर 15 घंटे तक जांच एजेंसी ने उनसे पूछताछ थी। आठ महीनों से भी ज्यादा वक्त से वह मुंबई की तलोजा जेल में बंद थे। उन्हें पार्किंसन्स नामक बीमारी भी थी, इस बीमारी की वजह से उन्हें सुनने में परेशानी होती थी।
21 मई को उनकी सेहत खराब हुई थी
84 साल के स्टेन स्वामी को ढलती उम्र के साथ कई तरह की परेशानियां थी। इससे पहले भी बीते 21 मई को उनकी सेहत खराब हुई थी। उन्होंने उस वक्त अस्पताल जाने से इनकार कर दिया था। स्वामी ने हाइकोर्ट से कहा था कि वो अस्पताल में शिफ्ट होने की बजाय जेल में मरना पसंद करेंग। उन्होंने कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहाई की अपील की थी। स्वामी ने कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहा किए जाने की अपील की थी।