छह बच्चे को परिजनों को सौंपा गया, बाकी के लिए प्रक्रिया जारी
साहेबगंज, पश्चिमी सिंहभूम, गुमला, धनबाद, सिमडेगा और बोकारो के हैं बच्चे
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मानव तस्करी पर सख्त रवैये का बेहतर परिणाम भी मिल रहा है। ताजा घटनाक्रम में मानव तस्करी कर दिल्ली ले जाये गये झारखंड के 21 बालक-बालिकाओं को मुक्त कराया गया है। इनमें से छह को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। 15 को झारखंड लाकर उनके परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया जारी है। ये बच्चे झारखंड के साहेबगंज, पश्चिमी सिंहभूम, गुमला, धनबाद, सिमडेगा और बोकारो जिले के हैं। इन बच्चों को एकीकृत पुनर्वास-सह-संसाधन केंद्र झारखंड भवन नयी दिल्ली द्वारा स्थानीय आयुक्त मस्तराम मीना के निर्देशानुसार दिल्ली के विभिन्न स्थानों से दिल्ली पुलिस के सहयोग से मुक्त कराया गया है। स्थानीय आयुक्त ने कहा है कि झारखंड भेजे जा रहे बच्चों को जिले में संचालित कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ते हुए उनकी सतत निगरानी की जायेगी।
मानव तस्करी के शिकार लोगों को मुक्त कराने से लेकर उनके पुनर्वास तक में एकीकृत पुनर्वास-सह-संसाधन केंद्र की अहम भूमिका रहती है। मानव तस्करी के शिकार झारखंड के बच्चों को वापस उनके गृह जिला भेजने के लिए काम किया जा रहा है। एकीकृत पुनर्वास संसाधन केंद्र के द्वारा 24 घंटे संचालित हेल्पलाइन नंबर 10582 है।
परामर्श सहित गृह सत्यापन की अपनायी जाती है प्रक्रिया
सभी बालक-बालिकाओं का एकीकृत पुनर्वास-सह-संसाधन केंद्र के कर्मियों के द्वारा परामर्श और गृह सत्यापन जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी के माध्यम से कराया जाता है। इस कार्य में उप स्थानीय आयुक्त सह वरीय प्रभारी आइआरआरसी शहंशाह अली खान, नोडल पदाधिकारी नचिकेता मिश्रा, कार्यक्रम समन्वयक सुनील कुमार गुप्ता, परामर्शी निर्मला खलखो, प्रिंस कुमार, मंजू ठाकुर और राज्य द्वारा भेजी गयी स्कोर टीम के सदस्य अशोक नायक, ओमप्रकाश तिवारी, अनमोल कुमारी, सुशीला सुंडी अहम योगदान देते हैं।
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