लखनऊ। विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए घोषित उम्मीदवार यशवंत सिन्हा गुरुवार को उप्र की राजधानी लखनऊ में रहे। इस दौरान उन्होंने समर्थन की अपील की। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए अपने एजेंडे को साफ किया कि उन्हें मतदाता वोट क्यों करें। उन्होंने राष्ट्रपति चुने जाने के बाद अपनी प्राथमिकताएं भी गिनाईं। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्यशैली से खुद को असंतुष्ट बताया।
यशवंत सिन्हा ने समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव बहुत हुए हैं लेकिन इस बार परिस्थितियां असाधारण हैं। सीधे सत्ता पक्ष पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि पहले आपस में जो बात चलती थी वह अब नहीं हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी कुछ बोलते ही नहीं हैं। इस वक्त संविधान के मूल्यों की रक्षा नहीं हो रही है। बल्कि इस सरकार में संविधान के मूल्यों की अवहेलना की जा रही है।
सिन्हा ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन हम लोग पाएंगे कि संविधान नष्ट हो गया है। संविधान का कोई महत्व नहीं रहा। कहीं भी किसी भी फोरम पर नहीं जा सकते। ऐसा लगता है कि आज कहीं पर भी इंसाफ नहीं मिल सकता है। मैं पूरी जिम्मेदारी से यह कह सकता हूं कि अनुच्छेद 370 का मामला 2019 में सुप्रीम कोर्ट में आया है, उसकी सुनवाई कब होगी, यह पता नहीं है। सीएए का कानून आया। उसके खिलाफ भी लोग कोर्ट में गए। उसकी कब सुनवाई होगी, इसका भी कुछ पता नहीं है। बहुत सारे मामलों में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर लेता है। बहुत से मामलों में अप्रत्याशित विलंब होता है। तो समाज को इंसाफ कैसे मिलेगा ? ऐसा लगता है की हुकूमत में बैठे लोग चाहते हैं कि समाज बंटे। वोट की राजनीति हम लोग कहां तक ले जाना चाहते हैं। किस हद तक ले जाना चाहते हैं?
सिन्हा ने कहा कि जो भी राष्ट्रपति बनेगा, उसे संविधान को मानना पड़ेगा। उसके अनुकूल काम करना पड़ेगा। उस पद की गरिमा के अनुकूल काम करना होगा। अगर मैं राष्ट्रपति बनूंगा तो संविधान के प्रति जवाबदेह रहूंगा। इसका यह मतलब नहीं हुआ की प्रधानमंत्री के साथ चलेंगे। हां, प्रधानमंत्री के साथ बैठकर रास्ता निकाला जा सकता है। मैं राष्ट्रपति भवन में संविधान के संरक्षक के रूप में काम करूंगा। अगर मेरे ध्यान में यह बात आती है कि भारत की सरकार कुछ ऐसा कर रही है जिससे प्रजातंत्र का हनन हो रहा है, जैसे प्रदेश की चुनी हुई सरकारों को गिराना, तो मैं एक राष्ट्रपति के तौर पर संविधान की रक्षा के लिए कदम उठाऊंगा।
एक सवाल के जवाब में सिन्हा ने कहा कि भारत को आज खामोश रहने वाला राष्ट्रपति नहीं चाहिए। उसे संविधान के अनुरूप काम करने वाला राष्ट्रपति चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि किसी के राष्ट्रपति बनने से उसके समाज का उत्थान नहीं हो जाता।मोदी से मेरी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। मेरी लड़ाई है उनकी कार्यशैली और नीतियों से। देश में उन्होंने नोटबंदी की। भारत को इससे बहुत नुकसान हुआ है। इसलिए देश में एक ऐसा राष्ट्रपति चुना जाना चाहिए जो संविधान की रक्षा कर सके। उनके साथ इस मौके पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी समेत अन्य नेता मौजूद रहे।