क्वेटा। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के वाध जिले में युद्धविराम के बाद जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है। यह इलाका कबीलों के बीच छिड़े सशस्त्र युद्ध से रक्तरंजित रहा है।

सरवन जनजाति के प्रमुख नवाब असलम रायसानी और झालावन कबीले के बुजुर्गों के नेतृत्व में मध्यस्थता के प्रयास सफल रहे। मेंगल जनजाति के दोनों युद्धरत गुट अनिश्चितकाल के लिए युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। इन गुटों ने लड़ाई में मोर्टार गोलों और रॉकेट तक प्रयोग किया।

दोनों पक्ष 24 घंटे के संघर्ष विराम पर शुक्रवार रात सहमत हुए। नवाब रायसानी ने रात को युद्धविराम की घोषणा की। इसी के साथ सुबह मुख्य बाजार और दुकानें खुल गईं। वाध जिला प्रशासन का कहना है कि क्वेटा-कराची राजमार्ग पर यातायात बहाल हो गया है।

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