शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन में बादल फटने से लोगों को बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। जनजातीय जिले किन्नौर की सांगला घाटी के कामरु गांव में बादल फटने के बाद टुंगतुंग नाले में अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचा दी। गुरुवार सुबह करीब छह बजे टुंगतुंग नाले ने उफनती नदी का रूप धारण कर लिया। नाले का बहाव बदलकर कामरु गांव की ओर हो गया। इस नाले में उफान आने के कारण तेज़ धारा में कई गाड़ियां बह गईं। इसके अलावा लोगों के खेत और बगीचे भी तबाह हो गए। गनीमत यह रही कि फ्लैश फ्लड की वजह से कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। कामरु गांव के लोगों के घर भी सुरक्षित हैं।

नुकसान का आंकलन करने के लिए जिला प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और राहत कार्य किया जा रहा है। मौके पर मौजूद सांगला के तहसीलदार हरदयाल सिंह ने बताया कि स्थिति काबू में है। उफनते नाले की धारा कामरु गांव की ओर बदल जाने से नुकसान हुआ है। फ्लैश फ्लड में करीब 15 से 20 गाड़ियां बह गई हैं। इसके अलावा खेतों और बगीचों को भी भारी नुकसान पहुंचा है और इसका आंकलन किया जा रहा है। इस घटना में किसी के हताहत होने की रिपोर्ट नहीं है।

मौसम विभाग ने अगले चार दिन राज्य में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं पांच जिलों- मंडी, कूल्लु, चम्बा, शिमला और सिरमौर में फ्लैश फ्लड की चेतावनी दी गई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक गुरुवार सुबह तक राज्य में भूस्खलन से पांच नेशलन हाइवे सहित 686 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा 1138 बिजली ट्रंसफार्मर और 315 पेयजल स्कीमें भी ठप हैं।

राज्य में मानसून ने 24 जून को दस्तक दी थी और तब से लेकर अब तक वर्षाजनित विभिन्न हादसों में 130 लोगों की मौत हुई है। इनमें 38 लोगों की जान भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने की वजह से गई है। इसके अलावा विभिन्न हादसों में 12 लोग लापता हैं जबकि 153 लोग घायल हैं। मानसून सीजन के दौरान 572 घर ध्वस्त हुए वहीं 4703 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। 148 दुकानें और 1286 पशुशालाएं भी ध्वस्त हुईं। मानसून सीजन में अब तक चार हज़ार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।

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