नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम पर मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को करने का आदेश दिया।
बेंच ने इस मामले में ट्रायल कोर्ट में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की ओर से पेश वकील महेश जेठमलानी को भी जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। राहुल गांधी ने गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
गुजरात हाई कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में निचली अदालत द्वारा दोषी करार देने के आदेश को चुनौती देने वाली राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया था। सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा दी है। फिलहाल वह जमानत पर हैं। दोषी होने के चलते सांसद होने के अयोग्य हैं।
राहुल गांधी के खिलाफ सूरत कोर्ट में मानहानि की शिकायत दर्ज कराने वाले पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है। पूर्णेश मोदी ने कोर्ट से मांग की है कि अगर दोषी ठहराए जाने वाले फैसले पर रोक की मांग को लेकर राहुल गांधी सुप्रीम का रुख करते हैं तो कोर्ट बिना उनका पक्ष सुने कोई एकतरफा आदेश पास न करे।
राहत नहीं मिली तो 2031 तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे राहुल
राहुल गांधी को अगर सुप्रीम कोर्ट से आने वाले दिनों में राहत नहीं मिलती है तो वे 2031 तक कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। दरअसल, नियमानुसार सजा पूरी होने के छह साल बाद तक कोई भी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता है। इसी कारण राहुल दो साल की सजा के बाद अगले छह साल मतलब 2031 तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
राहुल ने अपनी अपील में कही ये बात
अपनी अपील में राहुल गांधी ने कहा है कि अगर 7 जुलाई के HC के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई, तो इससे अभिव्यक्ति और विचार का गला घोंट दिया जाएगा।
बता दें कि गुजरात सरकार में पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान राहुल द्वारा की गई टिप्पणी “सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी है” को लेकर गांधी के खिलाफ 2019 में आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था। हालांकि, राहुल ने कहा था कि वे भारत में वांछित दो भगोड़े प्रमुख व्यापारियों नीरव मोदी और ललित मोदी का जिक्र कर रहे थे।