नई दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने निजी हिल स्टेशन लवासा को बेचने की मंजूरी दे दी है। एनसीएलटी ने लवासा के लिए दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू होने के करीब पांच साल बाद 1,814 करोड़ रुपये की समाधान योजना को मंजूरी दी है। यह मंजूरी डार्विन कर्जदाताओं की ओर से समाधान योजना के पक्ष में मतदान करने के बाद दी गई है।

न्यायाधिकरण ने शनिवार को पारित 25 पेज के आदेश में 1,814 करोड़ रुपये के निवेश की समाधान योजना को मंजूरी दी है। दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत दिवाला समाधान प्रक्रिया अगस्त 2018 में शुरू हुई थी। एनसीएलटी के मुताबिक डार्विन प्लेटफॉर्म इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीपीआईएल) लवासा कॉरपोरेशन लिमिटेड के लिए विजेता बोलीदाता बनी है। यह कंपनी मुख्य रूप से पुणे में निजी हिल स्टेशन के व्यवसाय में है।

एनसीएलटी ने पारित आदेश में कहा कि इस राशि में 1,466.50 करोड़ रुपये की समाधान योजना राशि शामिल है, जिससे कॉरपोरेट कर्जदार को किश्तों में दिए गए धन के लिए भुगतान किया जाएगा। इस समाधान योजना को एक निगरानी समिति की देखरेख में लागू किया जाएगा। इस समिति में दिवाला पेशेवर, वित्तीय ऋणदाता और डार्विन प्लेटफॉर्म का एक-एक प्रतिनिधि शामिल होगा।

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