खतियान विरोधी हैं भाजपा और आजसू
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को नावाडीह में करोड़ों रुपये की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। सीएम ने 26 करोड़ की लागत से बननेवाले मॉडल डिग्री महाविद्यालय की आधारशिला रखी। साथ ही 50 बेड के प्री फैब्रीकेटेड अस्पताल का भी उद्घाटन किया। कुल मिला कर सीएम ने समारोह में 170.97 करोड़ रुपये के विभिन्न विभागों की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। साथ ही लाभुकों के बीच 56.36 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों का वितरण किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि राज्य के हर विद्यार्थी को उच्च शिक्षा का लाभ मिलेगा। हर खेत को पानी और हर बच्चे को हमारी सरकार शिक्षा देगी। वहीं इस दौरान हेमंत सोरेन ने बीजेपी और आजसू पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी-आजसू खतियान विरोधी हैं। सीएम ने कहा कि झारखंड प्रदेश में 80 प्रतिशत लोग खेती-बाड़ी से जुड़े हैं। मजदूर तबके के लोग हैं। यहां तो ऐसे भी लोग हैं, जो एक दिन मजदूरी नहीं करेंगे, तो उनके घर पर चूल्हा नहीं जलेगा। ऐसी स्थिति में हमारे मजदूर भाइयों के लिए कोरोना महामारी में जिंदा रहने की एक बहुत बड़ी चुनौती थी। उस कोरोना महामारी में झारखंड सरकार ने हर पंचायत, टोले-मोहल्ले में लोगों को खाना खिलाया। किसी को भी भूखा मरने नहीं दिया। इस वैश्विक महामारी में हमने अपने मंत्रियों को कहा था कि आपको आराम नहीं करना है। जनता के लिए काम करते रहना है। इस महामारी के साथ जंग लड़ते हुए हमारे दो मंत्री शहीद हो गये मधुपुर विधायक और अल्पसंख्यक मंत्री स्वर्गवासी हो गये।
सीएम ने आगे कहा कि आज मॉडल स्कूल बनाने का शिलान्यास किया गया है। सीएम ने कहा कि बोकारो जिला के गोमिया में भी एक डिग्री कॉलेज बन कर तैयार हो चुका है। आज उस डिग्री कॉलेज का भी यहां से उद्घाटन किया जायेगा। यह प्राइवेट स्कूल नहीं है। यह सरकारी स्कूल है। यह सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूल से भी बेहतर चलेगा। आज अनेकों योजनाएं हमने इस राज्य की तस्वीर बदलने के लिए बनायी हंै। अभी तो हमने शुरूआत की है। इससे पहले तो यहां के लोग जीने के लिए जद्दोजहद करते थे। हम वह कार्य करते हैं, जो आपको लाभ पहुंचाएये। हम यहां हर तरह की योजनाएं चला रहे हैं। पढ़ाई लिखाई करने वाले हमारे नौजवानों के लिए उनका एक अलग रास्ता है। जो कम पढ़े लिखे हुए हैं, उनके लिए भी हमारे पास एक योजना है। और जो नहीं पढ़े लिखे हैं उनके लिए हमारे पास अलग योजना है। साथ ही महिलाओं और बच्चियों के लिए भी अलग योजना है। एक समय था, जब झारखंड का बच्चा विदेश में जाकर पढ़ने के लिए सोचता था। लेकिन हमने इसे मुमकिन किया। झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां के अल्पसंख्यक पिछड़े बच्चों को विदेश पढ़ने के लिए सरकार भेज रही है। यहां तक कि सरकार उसका पूरा खर्चा उठा रही है। पहले लड़कियां 9वीं-10वीं में जाती थी, उनकी शादी कर दी थी, जिससे उनकी पढ़ाई छूट जाती थी। आज बच्चों का स्कूल ना छूटे इसलिए हम सावित्रीबाई फुले योजना लाये, जिससे किशोरी बच्चियों को हम जोड़ रहे हैं। लगभग नौ लाख बच्चियां अब तक इस योजना से जुड़ चुकी हैं।

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