पटना। प्रशांत किशोर ने एक बार फिर रविवार को जन सुराज पदयात्रा का आगाज किया।समस्तीपुर के मोरवा प्रखंड में हजारों की भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जन सुराज पदयात्रा का उद्देश्य नए बिहार की बुनियाद रखना है। साथ ही कहा कि जमीनी स्तर पर लोगों से बातचीत के जरिए बेरोजगारी, पलायन, कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर 15 वर्षों के लिए पंचायत स्तर पर बिहार के विकास का प्लान तैयार करना है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि एक अच्छी सोच व व्यवस्था को लेकर पदयात्रा शुरू कर रहे हैं। मेरी सोच ऐसी व्यवस्था बनाना है, जिससे अच्छे समाज का निर्माण हो सके। समाज में अच्छी सोच वाले व्यक्ति की तलाश कर उन्हें प्रेरित करेंगे। बिहार आजादी के 75 साल बाद भी सबसे पिछड़ा राज्य है। गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के चलते लोगों का बुरा हाल है।
उन्होंने पदयात्रा के उद्देश्यों के बारे में बताते हुए कहा कि इस पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य बिहार के लोगों को जमीनी स्तर पर मदद करनी है। लोगों से संवाद के जरिए उनकी समस्याओं को जानना है। बिहार के लोगों के लिए, बिहार के विकास के लिए अगले 15 वर्ष में विकास का विजन भी तैयार करना है।
उल्लेखनीय है कि प्रशांत किशोर ने पिछले साल 2 अक्टूबर, 2022 को गांधी जयंती पर बिहार में जन सुराज पदयात्रा की शुरुआत गांधी आश्रम भितरिहवा से की थी लेकिन बीते 15 मई को स्वास्थ्य कारणों से यात्रा को कुछ दिनों के लिए इस वादे के साथ स्थगित कर दिया था कि वापस वहीं से शुरुआत करूंगा, जहां रोक रहा हूं।
प्रशांत किशोर अब तक 7 जिलों में 2800 किलोमीटर से अधिक पैदल चल चुके हैं। पिछले साल पदयात्रा की जब शुरुआत हुई थी तब प्रशांत किशोर ने बताया था पदयात्रा 3500 किलोमीटर की होगी लेकिन जैसे-जैसे जनता का जुड़ाव होता गया, उसी के साथ जिलों में पदयात्रा का सफर बढ़ता गया।