रांची: विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच झारखंड कांग्रेस भी जोरशोर से तैयारी में जुट गई है। कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर खुद हर स्तर पर फीडबैक ले रहे हैं। सर्किट हाउस में आज कांग्रेस के विधायकों के साथ बैठक के बाद प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा कि 26 जुलाई से शुरू होने जा रहे मॉनसून सत्र समेत विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई है। बहुत जल्द कांग्रेस विधायक दल के नेता की घोषणा कर दी जाएगी।

दरअसल, आलमगीर आलम के कैश कांड में गिरफ्तारी के बाद से यह पद रिक्त है। उन्होंने कहा कि इस पद को वरीयता के आधार पर तय किया जाता है। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है। लिहाजा, विपक्ष को घेरने की रणनीति पर भी चर्चा हुई है।

जिताऊ प्रत्याशी पर कांग्रेस का रहेगा जोर

प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन मजबूती के साथ मैदान में उतरेगी। इसके लिए सीट शेयरिंग का फॉर्मूला भी तैयार किया जा रहा है। उनसे पूछा गया कि क्या इस बार कांग्रेस ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि सीटों की संख्या बढ़ भी सकती है और कम भी हो सकती है। इस मुद्दे पर सभी प्रमुख दलों के साथ विचार-विमर्श कर फैसला लिया जाएगा।

उन्होंने एक बात स्पष्ट कर दी है कि इस बार वैसे विधायकों को टिकट दिया जाएगा, जिन्होंने बेहतर काम किया है। इसका मतलब है कि नॉन परफॉर्मिंग विधायकों का पत्ता कट सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अन्य सीटों पर वैसे प्रत्याशियों को तवज्जो दिया जाएगा, जो जीत हासिल करने में सक्षम हों।

‘घुसपैठ रोकना बीएसएफ का काम’

बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर गुलाम अहमद मीर ने कहा कि घुसपैठ रोकना बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स का काम है। यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। झारखंड के किसी भी जिला की सीमा बांग्लादेश से नहीं लगती है। इस पर जवाब तो केंद्र सरकार को देना चाहिए। खास बात है कि बैठक में जेपी पटेल भी नजर आए।

दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने भाजपा को छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर लिया था और कांग्रेस की टिकट पर हजारीबाग लोकसभा सीट पर चुनाव लड़े थे। हालांकि, वह भाजपा के मनीष जायसवाल से हार गये थे। उनके खिलाफ दल बदल का मामला भी स्पीकर के ट्रिब्यूनल में चल रहा है।

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