काठमांडू। सक्रिय राजनीति में आने के बाद पूर्व राष्ट्रपति विद्या भंडारी को पार्टी की सदस्यता देने के लिए रविवार को नेकपा एमाले पार्टी की पोलित ब्यूरो की बैठक चल रही है। इस बैठक में पूर्व राष्ट्रपति को पार्टी की सदस्यता देने का अंतिम अधिकार पार्टी अध्यक्ष केपी शर्मा ओली को सौंपा गया है।

पार्टी की पोलित ब्यूरो की बैठक में पूर्व राष्ट्रपति की सक्रिय राजनीति को लेकर चर्चा जारी है। पार्टी के अधिकांश सदस्य उनके सक्रिय राजनीति में आने का समर्थन कर रहे हैं, पर कुछ नेता इसका विरोध भी कर रहे हैं। बैठक में पार्टी अध्यक्ष ओली ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति के सक्रिय राजनीति में आने से पार्टी के भीतर गुटबंदी बढ़ने लगी है। उन्होंने कहा कि सिर्फ उनकी पार्टी एमाले ही नहीं, देश के अन्य राजनीतिक दलों में भी इसको लेकर अलग-अलग धारणा सामने आ रही है।

ओली ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से वो भी इसके पक्ष में नहीं है, लेकिन यहां पार्टी के कई नेताओं के विचार सुनने के बाद उन्हें पार्टी की सदस्यता देने का फैसला तुरंत ही नहीं लिया जा सकता है। ओली ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति के सक्रिय राजनीति में आने का क्या कुछ असर हो सकता है, इसका सूक्ष्म विश्लेषण करते हुए ही उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा। पार्टी के नेताओं ने मांग की है कि अगले विधान अधिवेशन से पहले ही विद्या भंडारी की सदस्यता को लेकर फैसला कर लिया जाए, ताकि अगले महाधिवेशन में भंडारी भी आंतरिक चुनाव में हिस्सा ले सकें।

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