नई दिल्ली। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने और पाकिस्तान के प्रति नरम नीति अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सारे आतंकवाद की जड़ पाकिस्तान है और पाकिस्तान कांग्रेस की भूल है।
ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर चर्चा
गृहमंत्री अमित शाह ने कल से लोकसभा में जारी पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के सशक्त, सफल और निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा में आज भाग लिया। उन्होंने ऑपरेशन महादेव, पहलगाम हमले पर एनआईए जांच, पूरे घटनाक्रम और आंतकवाद के खिलाफ भाजपा सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति से अवगत कराया।
कांग्रेस की ऐतिहासिक भूलें : पीओके और विभाजन
उन्होंने कांग्रेस सरकारों के दौरान कथित तौर पर की गयी ऐतिहासिक गलतियों का भी उल्लेख किया और तुष्टीकरण के मुद्दे पर पार्टी पर निशाना भी साधा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ही देश के विभाजन को स्वीकार किया। पीओके को हासिल किए बिना 1948 में संघर्ष विराम और 1971 में मिली बड़ी जीत के बावजूद पीओके नहीं लेना पार्टी की बड़ी भूल रही।
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान कांग्रेस की भूल है। अगर उन्होंने बंटवारा स्वीकार नहीं किया होता, तो आज पाकिस्तान नहीं होता।”
1971 युद्ध और पीओके का मुद्दा
शाह ने विपक्ष के पहलगाम हमले के बाद निर्णायक बढ़त हासिल करने के बावजूद भी आगे कार्रवाई नहीं करने के सवाल का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य आतंक के खिलाफ कार्रवाई था न कि युद्ध लड़ना।
उन्होंने कहा, “1971 में 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया, 15 हजार वर्ग किलोमीटर पाकिस्तानी क्षेत्र भारत के नियंत्रण में था, लेकिन पीओके वापस नहीं लिया गया।”
पोटा हटाने और बटला हाउस घटना पर निशाना
शाह ने कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ अटल बिहारी वाजपेयी के समय में लाये गए आतंकवाद निरोधक अधिनियम, 2002 (पोटा) को संप्रग सरकार की पहली कैबिनेट में हटाए जाने को लेकर कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा।
उन्होंने बटला हाउस की घटना की भी उल्लेख किया। साथ ही उन्होंने कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान देश छोड़कर भागे आंतकियों के नाम गिनाए।
उन्होंने कहा, “मुझे याद है एक सुबह नाश्ते के दौरान, मैंने टीवी पर सलमान खुर्शीद को रोते हुए देखा। वह सोनिया गांधी के आवास से बाहर आ रहे थे। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी बटला हाउस की घटना पर रो रही थीं। उन्हें बटला हाउस के आतंकवादियों के बजाय शहीद मोहन शर्मा के लिए रोना चाहिए था।”
ऑपरेशन महादेव और एनआईए की जांच
शाह ने अपने भाषण की शुरुआत ऑपरेशन महादेव से की और कहा कि सारे सबूत बताते हैं कि इसमें मारे गए आतंकी सुलेमान, फैजल और अफगान पहलगाम हमले में शामिल थे। उन्होंने सदन को पूरे ऑपरेशन के बारे में बताया और कहा कि सारी जांच के बाद पुष्टि हो गयी है कि आतंकी पहलगाम हमले में शामिल थे।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हमने हमले में शामिल आतंकियों और उनके आकाओं दोनों का सफाया किया है। एनआईए जांच का ब्यौरा देते हुए शाह ने बताया कि हमले के बाद 1005 लोगों से पूछताछ की गई। दो लोगों को आतंकियों को ठहरने में मदद करने के लिए गिरफ्तार किया गया।
आतंकवादियों के सबूत पर विपक्ष से नाराज़गी
सदन में शाह ने एक कांग्रेस नेता के आतंकियों के पाकिस्तान से आने पर सबूत मांगने पर कड़ी आपत्ती जताई। उन्होंने कहा कि देश के पूर्व गृहमंत्री अपने बयान से आतंकवादियों को क्लीन चीट दे रहे हैं। वे आतंकियों के पाकिस्तानी होने का सबूत मांग रहे हैं, कल को वे पाकिस्तान पर हमला क्यों किया इसपर सवाल खड़े करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर विपक्ष को जवाब
शाह ने विपक्ष के प्रधानमंत्री मोदी के बिहार में एक चुनावी भाषण देने पर सवाल खड़े किए जाने पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हम जिस चश्मे से देखते हैं हमारी दृष्टि भी वैसी होती है। प्रधानमंत्री ने देश के नेता होने के नाते अपना फर्ज निभाया और जनता की भावनाओं के अनुरुप बयान दिया। यह चुनावी भाषण नहीं थी। इसी का परिणाम है कि हमने पाकिस्तान को इसबार 100 किमी अंदर जाकर मारा है।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर की स्थिति
विपक्ष की ओर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद घाटी में शांति पर सवाल खड़े करने पर शाह ने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर की स्थिति पूरी तरह बदल गई है। आतंकियों का पूरा इकोसिस्टम खत्म किया जा रहा है। आतंकियों को पहले महिमामंडित किया जाता था। आए दिन हड़ताल और पत्थरबाजी होती थी। पिछले कुछ सालों में यह पूरी तरह समाप्त हो गया है।