नयी दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को बड़ा एलान किया। केंद्रीय कैबिनेट ने ओबीसी आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर की आय सीमा को बढ़ा दिया है। अब आठ लाख रुपये सालाना तक कमानेवाली अन्य पिछड़ी जातियां (ओबीसी) क्रीमी लेयर में आयेंगी। पहले यह सीमा छह लाख रुपये सालाना की थी। सरकार के नये फैसले की वजह से अब ओबीसी वर्ग के ज्यादा लोगों को नौकरियों और भर्तियों में आरक्षण का फायदा मिल सकेगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि ओबीसी की सूची में सब-कैटेगरी बनाने की दिशा में एक आयोग का गठन करने के लिए राष्ट्रपति के पास सिफारिश भेजी गयी है। इससे लाभ पाने से वंचित रह जानेवाले लोगों को भी शामिल किया जा सकेगा। अब तक छह लाख रुपये या इससे अधिक सालाना आयवाले ओबीसी परिवार को लाभ पाने वालों की सूची से हटा कर क्रीमी लेयर में रखा गया था। इस आय वर्ग के ओबीसी को किसी तरह का फायदा नहीं दिया जाता है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने क्रीमी लेयर को फिर से परिभाषित करने की मंशा जाहिर की थी, ताकि इसका फायदा जरूरतमंद और समाज के निचले तबके तक पहुंचाया जा सके। ओबीसी आरक्षण के लिए आखिरी समीक्षा 2013 में की गयी थी।

क्या है क्रीमी लेयर का मतलब?
बता दें कि क्रीमी लेयर में आने वाले पिछड़ा वर्ग के लोग आरक्षण के दायरे से बाहर हो जाते हैं। सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण है, बशर्ते परिवार की वार्षिक आय क्रीमी लेयर के दायरे में न आती हो। अभी तक वार्षिक आय छह लाख रुपये तक थी, अब यह आठ लाख रुपये हो गयी है। जिनकी आय अधिक होती ह,ै उन्हें क्रीमी लेयर कहा जाता है और वे आरक्षण के लिए पात्र नहीं होते।

सीएम रघुवर ने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया
गोड्डा। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ओबीसी के लिए क्रीमी लेयर की निर्धारित सीमा को छह लाख से बढ़ा कर आठ लाख रुपये किये जाने पर धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि यह व्यापक जनहित में लिया गया फैसला है। उन्होंने कहा कि यह फैसला समाज के पिछड़े वर्ग को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस फैसले से अब ओबीसी वर्ग के ज्यादा लोगों को नौकरियों और भर्तियों में लाभ मिल सकेगा।

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