रांची: रांची के सभी रोटरी एवं रोट्रेक्ट क्लब संयुक्त रूप से वैसे एक माह से 20 वर्ष तक के बच्चे, जिनके दिल में जन्मजात छेद है का इलाज दिल्ली के एस्कॉर्ट जैसे नामी-गिरामी हॉस्पिटल में नि:शुल्क करायेगा। रोटरी क्लब ऐसे सभी जरूरतमंदों एवं वंचित तबके के मासूम बच्चों का गिफ्ट आॅफ लाइफ प्रोग्राम के तहत इलाज करायेगा। आॅपरेशन के पूर्व 20 अगस्त को राज अस्पताल में बच्चों की स्क्रीनिंग करायी जायेगी। स्क्रीनिंग डॉक्टर एके अग्रवाल एवं डॉक्टर रामकुमार दिवाकर करेंगे। मरीजों के अभिभावकों से पूर्व के इलाज के सारे कागजात साथ लाने का आग्रह किया गया है। यह जानकारी झारखंड के डिस्ट्रिक सचिव प्रवीण राजगढ़िया, योगेश गंभीर, राजेश शाहदेव आदि ने पत्रकारों को दी।
सेवा ही मुख्य उद्देश्य
उन्होंने बताया कि रोटरी इंटरनेशनल अपनी सामाजिक जिम्मेवारी का निर्वहन करने के लिए कृतसंकल्पित है। इसके लिए संस्था बहुआयामी कार्यक्रम चला रही है। संस्था द्वारा वंचित तबके को चिकित्सा सुविधा दिलाने के प्रयास किये जा रहे हैं। सेवा करना और शांति स्थापित करना रोटरी का मुख्य उद्देश्य है। झारखंड के डिस्ट्रिक सचिव प्रवीण राजगढ़िया ने कहा कि रोटरी ने झारखंड एवं बिहार में 30 जून 2018 तक जरूरतमंद सभी बच्चों के आॅपरेशन का लक्ष्य रखा है। प्रेसवार्ता में रोटरी रांची के अध्यक्ष हरमिंदर सिंह, राजेश प्रशांत, एसपी जायसवाल, संजय डे एवं समीर चंद्रा मुख्य रूप से उपस्थित थे।
दिल में छेद होने के लक्षण
दिल में छेद होने पर सामान्यत: बच्चे का रंग नीला पड़ जाता है, जिसमें शरीर और चेहरे के अलावा जीभ, नाखून और होंठ भी नीले हो जाते हैं। नवजात शिशु को दिल में छेद होने पर उसे दूध पीने में परेशानी, दूध पीते हुए पसीना या वजन कम होना और जल्दी थक जाना, बार-बार निमोनिया होना आदि लक्षण हैं।