मुंबई: नोबेल विजेता रबींद्रनाथ टैगोर को कौन नहीं जानता, लेकिन उनकी पड़पोती के पास आज इलाज के भी पैसे नहीं है। दरअसल ओडिसी डांसर रीता देवी जहांगीर हॉस्पिटल के ICU में भर्ती हैं, वह किस हालत में हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाइए की वह अपने इकलौते बेटे तक को नहीं पहचान पा रहीं हैं।
जानकारी के अनुसार 92 साल की रीता देवी को रविवार को मस्तिष्काघात हुआ और अब उनके चेहरे के दाहिना हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया है। इस बाज न तो वह कुछ बोल पा रहीं हैं और न ही कुछ खाने-पीने की हालत में है। ऐसे में अस्पताल में भर्ती होने के बाद अब सिर्फ 3 दिनों में ही अस्पताल का बील 96 हजार रुपये हो गया है।
रीता देवी के बेटे राहुल चटर्जी को यह डर है कि वह इतनी मोटी रकम कैसे चुकाएंगे। उन्होंने बताया कि डॉक्टर्स अभी 10 और दिन उनकी मां को अपनी निगरानी में रखेंगे, इस हिसाब से आप सोच सकते हैं कि उनका कुल बील कितना हो जाएगा। ऐसा नहीं है कि रीता देवी की पहचान सिर्फ टैगोर की पड़पोती के तौर पर ही है।
गौर हो कि रीता देवी खुद कुचीपुड़ी, मणिपुरी, कथकली और ओडिसी समेत 7 तरह के क्लासिकल डांस में महारत रखती हैं, इसके अलावा वह रबींद्रनाथ टैगोर की पड़पोती हैं। उनकी नानी, प्रज्ञासुंदरी देवी, टैगोर की भतीजी और लक्ष्मीनाथ बेजबरुआ की पोती थीं। बेजबरुआ को असम के मॉडर्न साहित्य का जनक माना जाता था। रीता देवी के बेटे ने बताया कि उनकी मां ने डांस सीखने के लिए काफी संघर्ष किया, लेकिन आज उन्हें इस विकट परिस्थिती में कई खोज-खबर लेने वाला भी नहीं है।