नई दिल्ली: मोदी सरकार ने आरक्षण का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए क्रीमीलेयर पॉलिसी को ठोस तरीके से अमलीजामा पहनाने की तैयारी की है। अब ओबीसी में कोटे में कोटा बनेगा। कटैगराईजेशन के लिए सरकार ने एक कमीशन बनाने का फैसला किया है। सरकार ने छह लाख से बढ़ाकर आठ लाख क्रीमीलेयर(पिछड़े में अगड़े) की सीमा कर दी है। माना जा रहा है कि अब मोदी कैबिनेट ने आर्थिक रूप से संपन्न पिछड़ा वर्ग के लोगों को आरक्षण से दूर निकालने का फैसला लिया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि कमेटी से 12 हफ्ते में रिपोर्ट मांगी गई है।
बाहर होंगे सुविधा संपन्न लोग
दरअसल आरक्षण की मंशा अब तक साकार नहीं हो पा रही थी। ओबीसी वर्ग में मुट्ठी भर परिवार ही बार-बार आरक्षण का लाभ उठाकर सुविधा संपन्न हो रहे थे। बावजूद इसके आरक्षण की मलाई खाना नहीं छोड़ रहे थे। ऐसे परिवार अपने ही वर्ग के जरूरतमंदों का हक मार रहे थे। इनके ही बेटे-बेटियां बार-बार आरक्षण का लाभ उठा रहे थे। जिसके ओबीसी में ही अन्य लोगों तक आरक्षण का लाभ नहीं पहुंच पा रहा था। इसे देखते हुए मोदी सरकार ने सबको संतृप्त करने के लिए कोटे में कोटा बनाने की व्यवस्था की है।
ताकि जो लोग पहले से आरक्षण का लाभ लेकर अपनी आर्थिक और सामाजिक स्थिति सुधार लिए हैं, अब उन परिवारों के अभ्यर्थियों को और आरक्षण का लाभ न मिले।
मोदी कैबिनेट का मानना है कि कोटे में कोटा बनाने से आरक्षण का लाभ सभी तक पहुंचेगा।
बाहर होंगे सुविधा संपन्न लोग
दरअसल आरक्षण की मंशा अब तक साकार नहीं हो पा रही थी। ओबीसी वर्ग में मुट्ठी भर परिवार ही बार-बार आरक्षण का लाभ उठाकर सुविधा संपन्न हो रहे थे। बावजूद इसके आरक्षण की मलाई खाना नहीं छोड़ रहे थे। ऐसे परिवार अपने ही वर्ग के जरूरतमंदों का हक मार रहे थे। इनके ही बेटे-बेटियां बार-बार आरक्षण का लाभ उठा रहे थे। जिसके ओबीसी में ही अन्य लोगों तक आरक्षण का लाभ नहीं पहुंच पा रहा था। इसे देखते हुए मोदी सरकार ने सबको संतृप्त करने के लिए कोटे में कोटा बनाने की व्यवस्था की है।
ताकि जो लोग पहले से आरक्षण का लाभ लेकर अपनी आर्थिक और सामाजिक स्थिति सुधार लिए हैं, अब उन परिवारों के अभ्यर्थियों को और आरक्षण का लाभ न मिले।
मोदी कैबिनेट का मानना है कि कोटे में कोटा बनाने से आरक्षण का लाभ सभी तक पहुंचेगा।