नई दिल्ली: बाबा गुरमीत राम रहीम के खिलाफ यौन शोषण के मामले में अब 25 अगस्त को फैसला आने वाला है, लेकिन इससे पहले पंचकूला के सेक्टर 23 स्थित नामचर्चा घर में बाबा के करीब 10 हजार समर्थक जुट चुके हैं। बता दें कि पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट बाबा को लेकर कोई बड़ा फैसला सुना सकता है।
हालात की गंभीरता को समझते हुए अधिकारियों ने पंचकूला, सिरसा, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, हिसार, फतेहाबाद, जींद, करनाल में अलर्ट जारी कर दिया है, साथ ही पंजाब-हरियाणा की बॉर्डर को सील भी किया गया है और राज्य के सभी जिलों में धारा 144 लागू कर दिया गया है।
आपको बता दें कि राम रहीम पर लगे यौन शोषण आरोप मामले में फैसला आने के बाद हिंसा की आशंकाओं को देखते हुए सभी प्राइवट स्कूलों को 25 तक बंद रखने का फैसला किया गया है। चंडीगढ़ सेक्टर 16 स्थित क्रिकेट स्टेडियम को 25 अगस्त के लिए टेम्परेरी जेल बनाया गया है, वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने डेरा सच्चा सौदा समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील भी की है।
तो वहीं खबर है कि केंद्र सरकार ने भी अर्द्धसैनिक बलों की 35 कंपनियां मुहैया कराई है, जिन्हें सिरसा, फतेहाबाद और पंचकुला जिलों में तैनात किया गया है। सोशल मीडिया पर भी बारीकी से नजर रखी जा रही है और वरिष्ठ अधिकारियों से छोटी से छोटी घटना की भी अनदेखी न करने के निर्देश दिए गए हैं।
हरियाणा के सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के बाबा गुरमीत राम रहीम ने कुछ फिल्मों में भी काम किया है। बाबा के इलाके में इनकी काफी लोकप्रियता है, लिहाज कोर्ट में मामले की सुनवाई और बाबा के प्रशंसकों को देखत हुए पंजाब में हाई अलर्ट कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार इससे पहले पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा केंद्रीय गृह सचिव से मुलाकात करने के लिए दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं, मामले की गंभीरता को देखते हुए पंजाब ने केंद्र सरकार से 250 अर्धसैनिक बल की कंपनियों की मांगी है। इसके साथ-साथ पंजाब पुलिस के जवानों को भी अलग-अलग स्थानों पर तैनात कर दिया गया है।
आपको बता दें कि साल 2002 में बाबा गुरमीत राम रहीम पर साध्वियों के यौन शोषण का आरोप लगाया था, इसके बाद मामले की जांच हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंप दी थी, गौर हो कि एक युवती ने राम रहीम पर यौन शौषण का आरोप लगाते हुए एक पत्र मीडिया, पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और पीएम के नाम भी जारी किया था।
इसके बाद हरियाणा और पंजाब में जमकर बवाल हुआ, मामले पर संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने 24 सितंबर 2002 को सीबीआई को इस पत्र के आधार पर मामले की जांच करने का निर्देश दिया था, मामले की जांच के बाद सीबीआई ने जुलाई 2007 में स्पेशल कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी।