रांची। सीएम रघुवर दास ने एक बार फिर आश्वस्त किया कि दिसंबर तक राज्य के हर स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र तक बिजली पहुंचा दी जायेगी। सीएम बुधवार को होटल बीएनआर में ट्रांसफार्मिंग एजुकेशन थ्रू पार्टनरशिप विषयक कार्यशाला में बोल रहे थे। सीएम रघुवर दास ने कहा कि ज्ञान बांटने से ज्ञान बढ़ता है। नयी-नयी तकनीकों से हम इसे अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा सकते हैं। हमारी सरकार का यही उद्देश्य भी है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विजन जरूरी है। शिक्षा ऐसी हो, जो रोजगार दे सके। केवल डिग्री से काम नहीं चलेगा। शिक्षा स्तर में गिरावट के कारण समाज में व्यभिचार, अनैतिकता बढ़ती है। सरकार ऐसी नैतिक शिक्षा पर जोर दे रही है, जो संस्कार के साथ रोजगारपरक भी हो। सीएम ने कहा कि झारखंड को हमें शिक्षित प्रदेशों की सूची में लाना है। शिक्षित होने से राज्य को तेजी से आगे ले जा सकेंगे। मानव संसाधन का विकास सबसे महत्वपूर्ण है। मानव संसाधन का विकास शिक्षा के माध्यम से ही किया जा सकता है।

मैं भले बोरा लेकर गया, लेकिन अब बच्चे स्वाभिमान के साथ बेंच-डेस्क पर पढेंगे

सीएम रघुवर दास ने कहा कि शिक्षा के महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री का पद संभालने के साथ ही सबसे पहली समीक्षा शिक्षा विभाग की ही की थी। समीक्षा में पाया कि आजादी के 67 वर्षों के बाद भी हमारे ज्यादातर बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ने को विवश थे। राज्य के 38 हजार स्कूलों में से मात्र 7000 स्कूलों में ही बेंच-डेस्क उपलब्ध था। ज्यादातर स्कूलों में बिजली आदि की सुविधा नहीं थी। बिना आधारभूत संरचना ठीक किये हम अपने शिक्षा स्तर को नहीं सुधार सकते। इसी को ध्यान में रखते हुए मिशन मोड में स्कूलों में बेंच-डेस्क, बिजली, शौचालय आदि पहुंचाने का काम शुरू किया गया। कहा-मैं भले ही बोरा लेकर स्कूल गया था, लेकिन आज गरीब के बच्चे पूरे स्वाभिमान के साथ बेंच-डेस्क पर पढ़ाई कर रहे हैं। विभाग में तेजी से सुधार लाने के लिए निदेशक स्तर पर युवा आइएएस अधिकारियों की नियुक्ति की गयी। इनके नतीजे अब दिख रहे हैं। इस दौरान मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह, राज्य विकास परिषद के सीइओ अनिल स्वरूप, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल उपस्थित थे।

शिक्षित प्रदेश बनाना सबकी जिम्मेवारी

सीएम ने उपस्थित स्वयंसेवी संस्थाओं से आदिवासी क्षेत्रों में ज्यादा काम करने की अपील की। कहा कि आदिवासी आज भी गरीब और अशिक्षित हैं। शिक्षित होने से उनके जीवन स्तर में सुधार आयेगा। झारखंड को शिक्षित प्रदेश बनाने में हम सबकी जिम्मेवारी जरूरी है।

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