लंदन। ब्रिटिश वीजा हासिल करने के लिए विदेशी नागरिकों से ब्रिटिश लड़कियों का जबरन विवाह कराए जाने के बाद भी ब्रिटिश सरकार उन्हें आसानी से वीजा जारी कर रही है। अनेक मामलों में खुलासा हुआ है कि ब्रिटिश विदेश मंत्रालय ने यह जानते हुए भी वीजा जारी कर दिया कि इन लोगों ने केवल वीजा हासिल करने के लिए ही विवाह किया है।

एक समाचारपत्र की जांच में सामने आया कि अनिच्छा के बावजूद शादी के लिए भारत समेत कई दक्षिण एशियाई देशों में ले जाने पर दर्जनों युवतियों ने अपने नए पतियों का वीजा रूकवाने का प्रयास किया। जिन 88 मामलों में पीड़िता चाहती थीं कि वीजा रोक दिया जाए, उनमें से 42 मामलों में उनकी आपत्ति के बावजूद ब्रिटिश गृह मंत्रालय ने उनका वीजा मंजूर कर लिया।

जबरन शादी की शिकार युवतियों के लिए काम करने वाले परमार्थ संगठनों ने सरकार पर ब्रिटिश महिलाओं के शोषण के प्रति आंखे फेर लेने का आरोप लगाया है। ब्रिटिश गृहमंत्रालय ने स्पष्ट तौर पर आरोप का खंडन किया है। जबरन शादी की शिकार होने वाली जसविंदर संघेरा ने कहा जब अधिकारियों को मालूम होता है कि यह जबरन शादी है तब भी वे परंपरा, संस्कृति या धर्म देखते हैं तथा उनके प्रति मौन ही रहते हैं। वे अपनी आंखें फेर लेते हैं। जसविंदर संघेरा ने अन्य पीडि़तों की मदद के लिए कर्मा निर्वाण नामक संगठन की स्थापना की थी।

इंग्लैंड और वेल्स में किसी को शादी करने के लिए बाध्य करने को अवैध ठहराने वाला कानून 2014 में लाया गया था। इस गुनाह के गुनाहगार को सात साल तक की सजा हो सकती है। ब्रिटिश सरकार के जबरन शादी निकाय के अनुसार पिछले साल ब्रिटिश नागरिकों को उनकी मर्जी के विरुद्ध उन्हें शादी करने के लिए बाध्य करने के सर्वाधिक मामले पाकिस्तान, बांग्लादेश, सोमालिया और भारत के हैं। गृह मंत्रालय के पास पिछले साल जीवनसाथी का वीजा रूकवाने की कोशिश के 175 मामले सामने आए। उनमें 88 पूर्ण मामले बने।

42 मामले में वीजा जारी किए गए, दस में फैसला लंबित है और एक अपील पर सुनवाई हो रही है। परमार्थ संगठन कार्यकर्ताओं के अनुसार कई पीड़िताओं को विदेश में तब तक रोका गया, जब तक कि वे गर्भवती नहीं हो गयीं और फिर वे बच्चे को जन्म देने के लिए ब्रिटेन लौट आईं। इससे पति के वीजा आवेदन को मजबूती मिलती है। उनके पति उनके साथ रहने के लिए आवेदन करते हैं। ऐसे में पीड़िता वीजा को रूकवा सकती है, लेकिन उसे इस आशय के सार्वजनिक बयान पर दस्तखत करने होते हैं।

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