नई दिल्ली। कश्मीर में आतंकियों के हाथों जून में कत्ल हुए जवान औरंगजेब की शहादत का बदला लेने के लिए उसके गांव के 50 दोस्त खाड़ी देशों खासकर सऊदी अरब से अच्छी नौकरियां छोड़कर लौट आए हैं। इनका एक ही मकसद है, सेना और पुलिस में भर्ती होकर आतंकियों से अपने दोस्त की हत्या का बदला लेना। आतंकियों ने पुलवामा में 14 जून को 44 राष्ट्रीय राइफल्स के जवान औरंगजेब को अगवा कर हत्या कर दी थी।

दोस्त मोहम्मद किरामत और मोहम्मद ताज ने बताया कि हम 50 दोस्त हैं और सभी ने औरंगजेब की मौत की खबर मिलते ही नौकरी छोड़ने का फैसला कर लिया था। हम बस अपने दोस्त की हत्या का बदला लेना चाहते हैं।

इन दिनों घाटी में आतंकी सुरक्षाबलों के घर पहुंचकर उन्हें नौकरी छोड़ने के लिए धमका रहे हैं। जून से लेकर अब तक तीन जवानों की हत्या हो चुकी है। सेना में नौकरी कर रहे औरंगजेब के भाई ने कहा कि भाई की मौत के लिए आतंकी नहीं, उन्हें यह निर्देश देने वाले जिम्मेदार हैं।

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