कोच्चि/इडुक्की (केरल)। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को केरल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति को बहुत गंभीर बताया तथा केंद्र से राज्य को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। रविवार दोपहर यहां पहुंचे राजनाथ ने इडुक्की और एर्नाकुलम जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया और उसके बाद यह बयान दिया। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय पर्यटन मंत्री के.जे. अल्फोंस और मुख्यमंत्री पिनरई विजयन भी थे।
In order to supplement the efforts of the state government, just before leaving for Kerala I have approved the release the second installment of Rs 80.25 crore in advance for the SDRF, tweets Home Minister Rajnath Singh #KeralaFloods (file pic) pic.twitter.com/xbyXQuMxdH
— ANI (@ANI) August 12, 2018
राजनाथ ने कोच्चि के निकट शिविरों में रह रहे लोगों से कहा, ‘‘केरल में बहुत गंभीर स्थिति है। केंद्र राज्य को हर तरह का सहयोग प्रदान करेगा।’’ विजयन ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार उन्हें राहत प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। विजयन ने कहा, ‘‘आवास, अन्य संपत्तियों और फसलों के नुकसान सहित हर प्रकार के नुकसान की भरपाई की जाएगी। घर लौटने पर आप बहुत परेशानियों का सामना करेंगे। आपके घरों को साफ करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।’’
लेकिन एनार्कुलम और त्रिशूर के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि अभी स्थिति नियंत्रण में है और पेरियार नदी का जलस्तर नीचे गया है, जिससे कुछ लोग अपने घर लौट सकते हैं। मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, शनिवार सुबह 24 घंटे की अवधि में इडुक्की जिले में 90 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। बांध में तथा इसके आसपास क्षेत्रों में दिन में बारिश होने के बावजूद बांध का जलस्तर पिछले 48 घंटों में तीन फुट कम होकर रविवार को 2,399.28 फुट हो गया है। हालांकि एनार्कुलम और त्रिशूर जिलों के कई हिस्से अभी भी जलमग्न हैं।
Kochi: Home Minister Rajnath Singh met the victims of the flood in Kerala; says ‘I would like to assure the state government that all resources will be provided from central government to fight this flood situation.’ #KeralaFloods pic.twitter.com/qCYiTXkAFe
— ANI (@ANI) August 12, 2018
पहाड़ी जिले वायनाड में फसल और सम्पत्ति की भारी हानि हुई है। रविवार को लगातार बारिश से यह क्षेत्र जलमग्न हो गया, जिसके बाद भूस्खलन की संभावना से प्रशासन को राहत शिविरों में रह रहे लोगों को वापस जाने के लिए कहना पड़ा। इडुक्की जिला प्रशासन ने कहा कि भारी बारिश के बाद खोले गए बांध के सभी द्वार बंद करने का निर्णय आगामी दिनों में बारिश के आधार पर लिया जाएगा।