रांची। जहरीली शराब से हुई राजधानी रांची में हुई तीन लोगों की मौत के मामले में कोर्ट ने शराब व्यवसायी प्रह्लाद सिंघानिया समेत तीन अभियुक्तों को कड़ी सजा सुनायी है। अपर न्यायायुक्त एसपी दुबे की कोर्ट ने दोषी प्रह्लाद सिंघानिया उर्फ प्रह्लाद सिंधी उर्फ प्रह्लाद हीरानंदानी , गौतम थापा और इंद्रभान थापा को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। साथ ही उन पर एक- एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर दोषियों को अतिरिक्त दो साल की सजा भुगतनी होगी। जुर्माना की राशि पीड़ित परिवार को देने का निर्देश कोर्ट ने दिया है। इन्हें आइपीसी की धारा 304 पार्ट 1 सहपठित धारा 34 आइपीसी के तहत सजा सुनायी गयी है। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में उमेश गुरुंग को रिहा किया है। रांची में जहरीली शराब से मौत के पांच मामलों में से यह एक मामला है। जहरीली शराब से रांची में करीब 22 लोगों की मौत हुई थी।
कोर्ट ने कहा, दोषियों को पता था शराब जहरीली है : सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि शराब बनानेवालों को पता था कि शराब में मिथनॉल नाम का जहर है, जिससे किसी व्यक्ति की मौत हो सकती है। कोर्ट ने कहा कि दोषियों ने जल्दी से पैसा कमाने के लालच में ऐसा घृणित कार्य किया है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी खुद को निर्दोष साबित नहीं कर सके। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि केंद्र या राज्य सरकार द्वारा मौके विशेष पर कैदियों की सजा कम करने या माफ करने से संबंधित लाभ इन तीनों सजायाफ्ता अभियुक्तों को नहीं मिलेगा।
इन्होंने गंवायी थी जान : जहरीली शराब पीने से कुंती देवी, हरेंद्र मुसहर, धनजी साह, चांददेव मुसहर, जितेंद्र राम, अंझारी देवी, ललिता देवी, जितेंद्र राम (प्रथम), शिव कुमारी देवी, संजय कुमार, ब्रजराज सिंह, महेंद्र चौधरी, सुरेश पासवान, मो वसीर अहमद, राजेश्वर यादव, लाला पासवान, रमेश राम रजक, लालती देवी, दिलीप चौधरी, रवि राम व एक अज्ञात की मौत हुई थी। वहीं, शराब पीने से रंजन राम, राजू यादव, दशरथ पासवान, मनजीत पासवान, इंद्रदेव मुसहर, ज्ञान सागर, कृष्णा किशोरी, जलेखर मुखिया, घोघा पासवान, गुरु चौधरी, हरे राम सिंह, मुन्ना चौधरी, गुलाब चंद्र साह और एक अज्ञात व्यक्ति अपंग हो गये थे।