हजारीबाग। केरेडारी के घाघरा नहर में माओवादियों ने बुधवार की रात जमकर तांडव मचाया। उन्होंने पहले संवेदक को खोजा, उसके नहीं मिलने पर साइट पर मौजूद लोगों की पिटाई कर दी। इसके बाद साइट पर खड़े ट्रैक्टर में आग लगा दी, जिससे पूरा वाहन जल ग्कर खाक हो गया। घटना बुधवार की रात 8 बजे की है। घटना की सूचना केरेडारी पुलिस को दी गयी, लेकिन पुलिस ने माओवादियों का नाम सुनकर सुस्ती बरती और रात में घटनास्थल पर नहीं पहुंच सकी। साइट पर मौजूद मजदूरों ने अपनी दबी जुबान से बताया कि 20-25 की संख्या में माओवादी आये। उन्होंने साइट के चारो ओर घेर लिया। मारपीट और वाहन फूंकने में मात्र 8 माओवादी शामिल थे। सभी काला ड्रेस पहने हुए थे। सभी माओवादी आधुनिक हथियार से लैस थे। ट्रेक्टर में आग लगाने के बाद जाते-जाते माओवादियों ने धमकी दी कि जबतक संवेदक से बातचीत नहीं हो जाती, तबतक नहर का कार्य बंद रखना। काम शुरू करने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दे गये हैं।

माओवादियों ने मांगी थी लेवी

बताया जाता है कि माओवादियों ने 28 जुलाई को पत्र देकर संवेदक से लेवी की मांग की थी। लेवी पहुंचाने के लिए समय भी निर्धारित किया गया था। लेकिन संवेदक ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। निर्धारित समय समाप्त होने के बाद यह घटना का अंजाम दिया गया है।

घाघरा नहर का कौन हैं संवेदक?

घाघरा नहर का जिर्णोधार का कार्य लगभग 23 करोड़ के लागत में कराया जा रहा है। मजदूरों ने बताया है कि नहर निर्माण कार्य का संवेदक मुकेश साव और राजेश साव हंै। राजेश साव के द्वारा गुरुवार को केरेडारी थाना में माओवादियों के विरूद्ध मामला दर्ज कराया गया है। घटना के 12 घंटे बाद एसपी मयूर पटेल और डीएसपी केके महतो दल-बल के साथ सुबह 8 बजे घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने मजदूरों से बातचीत कर घटना की जानकारी ली।

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