• 31 दिसंबर को पुणे के भीमा-कोरेगांव में एलगार परिषद के कार्यक्रम में हिंसा हुई थी

रांची। पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव में पिछले दिनों हुई हिंसा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश के लिंक रांची से भी मिले हैं। महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव हिंसा केस में पुणे पुलिस ने मंगलवार को झारखंड समेत पांच राज्यों के छह शहरों में छापा मारा। इस दौरान पांच शहरी माओवादी नेताओं की गिरफ्तारी हुई है। माओवादी मानवाधिकार एक्टिविस्ट गौतम नवलखा, मानवाधिकार की अधिवक्ता सुधा भारद्वाज, लेखक और आंदोलनकारी माओवादी पी बारबरा राव, माओवादी आंदोलनकारी वर्नोन गोंजाल्विस और अरुण पेरिएरा गिरफ्तार हुए हैं। सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी आइपीसी की धारा 153 अ (विभिन्न समूहों के मध्य सांप्रदायिक शत्रुता भड़काने का प्रयास), धारा 505 (जनता के बीच दुर्भाव फैलाने का बयान), धारा 117 (दस या उससे अधिक लोगों के द्वारा हिंसा फैलाने की हरकत) और धारा 120 के अंतर्गत की गयी है।
झारखंड में रांची के नामकुम में स्टेन स्वामी के घर पर भी छापा मारा गया। पुणे पुलिस ने मराठी भाषा में लिखित सर्च वारंट थमाया, तो बिना अनुवाद जाने स्वामी ने हस्ताक्षर से मना कर दिया। तब वहां पहुंची पुणे पुलिस ने एक-एक शब्द का शब्दश: अनुवाद पढ़ कर सुनाया। इसके बाद घर पर खोजबीन आरंभ हो पायी। पुलिस को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी हाथ लगे हैं। स्टेन स्वामी का संबंध भीमा कोरेगांव की घटना में लिप्त माओवादियों से भी था तथा वह पत्थलगड़ी की घटना में भी लिप्त पाया गया है। स्टेन स्वामी खूंटी में डायन प्रथा के विरुद्ध आंदोलन चला रही नाटक मंडली की पांच लड़कियों के बलात्कार में भी संदिग्ध है। पुणे पुलिस ने 21 सीडी, दो सिम कार्ड, एक लैपटॉप, एक कैमरा, झारखंड के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की एक लिस्ट, खूंटी गैंगरेप के बारे में एक प्रेस रिलीज और एक मोबाइल फोन समेत अनेक दस्तावेज जब्त किये हैं। हैदराबाद में प्रोफेसर के सत्यनारायण के घर पर भी छापा मारा गया। प्रोफेसर सत्यनारायण इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेज यूनिवर्सिटी में कल्चरल स्टडीज के प्रोफेसर हैं। विश्वविद्यालय कैंपस स्थित घर में 10 बजे पुलिस ने प्रवेश किया। प्रोफेसर के सत्यनारायण हैदराबाद से गिरफ्तार पी बारबरा राव के दामाद हैं।

चिट्ठी में मोदी की हत्या की साजिश का जिक्र : पुणे पुलिस को एक चिट्ठी भी हाथ लगी है। इसमें लिखा गया है कि नरेंद्र मोदी हिंदूवादी नेता हैं और देश के 15 राज्यों में उनकी सरकारें हैं। अगर वे इसी रफ्तार से आगे बढ़ते रहें, तो बाकी पार्टियों के लिए मुश्किलें बढ़ जायेंगी। ऐसे में मोदी के खात्मे के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। इसलिए कुछ वरिष्ठ कामरेडों ने कहा है कि राजीव गांधी हत्याकांड जैसी घटना को अंजाम देना होगा। ये मिशन फेल भी हो सकता है, लेकिन पार्टी में इस प्रस्ताव को रखा जाना चाहिए। मोदी को मारने के लिए रोड शो का वक्त सबसे सही समय होगा। इसी चिट्ठी में एम-4 राइफल और गोलियां खरीदने के लिए आठ करोड़ रुपये की जरूरत होने की बात लिखी गयी थी।

क्या है पूरा मामला : जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र में पुणे के नजदीक भीमा कोरेगांव में एलगार परिषद का कार्यक्रम रखा गया था, जहां भड़काऊ भाषण देने पर हिंसा भड़की थी। इस पूरे मामले में कुल 158 केस दर्ज हुए थे, जिसमें से दलितों पर 63 और सवर्णों पर 90 मामले दर्ज हुए थे। इसके अलावा नौ अन्य मामले भी दर्ज किये गये थे।

जून में भी पांच लोगों की हुई थी गिरफ्तारी : 6 जून 2018 को भीमा कोरेगांव केस में संलिप्त बड़े माओवादी नेता सुरेंद्र गाडलिंग, सुधीर धावले, सोमा सेन, रोना विलसन, महेश राउत गिरफ्तार हुए थे। सुधीर धावले एलगार परिषद का आयोजक था। रोना विलसन दिल्ली में कमेटी फॉर द रिलीज आॅफ पॉलिटिकल प्रिजनर्स नामक संगठन चलाता था। नागपुर का अधिवक्ता सुरेंद्र गाडलिंग इंडियन एसोसिएशन आॅफ पीपुल्स लायर्स नाम का संगठन चलाता था। सोमा सेन नागपुर विश्वविद्यालय में अंग्रेजी की प्रोफेसर थी। महेश राउत प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास कार्यक्रम का पूर्व में फेलो था।

विवादित छवि है स्टेन स्वामी की : झारखंड में स्टेन स्वामी की छवि विवादित रही है। उनके खिलाफ झारखंड में भी कई मामले दर्ज हैं, जिनमें देशद्रोह का भी एक मामला दर्ज किया गया है। इनमें से कुछ मामलों की जांच पुलिस कर रही है, जिसमें पत्थलगड़ी आंदोलन को भड़काने का केस भी है।

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