कांके. भाइयों को राखी बांधकर झिरी से पतरातू जा रही महिला, उसके पति और एक साल का बेटा रविवार शाम चेड़ी गांव के समीप सड़क हादसे के शिकार हो गए। दुर्घटना में उसके पति किशुन उरांव (35) की मौत मौके पर ही हो गई। वहीं वह और उसका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और किशुन का शव समेत महिला को रिम्स भेज दिया। बच्चे को कांके थाना लाने के बाद कांके प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया गया। वहां उसे उल्टी होने लगी तो डॉक्टरों ने जब जांच की तो बच्चे के सिर के पिछले हिस्से में सूजन दिखा। इसके बाद डॉक्टरों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बच्चे को भी रिम्स रेफर कर दिया।
जानकारी के अनुसार, किशुन पतरातू थाना क्षेत्र के पालू पंचायत टोपीखुर्द गांव का रहने वाला था। रक्षा बंधन के बाद वह अपनी पत्नी और बच्चे के साथ बाइक से वापस घर जा रहा था। चेड़ी के पास रिंग रोड पर विपरीत दिशा से आ रही कार से सीधी टक्कर हो गई। कार में गोविंदपुर, कमड़े निवासी मृत्युंजय कुमार श्रीवास्तव पत्नी के साथ पतरातू स्थित अपनी ससुराल से लौट रहे थे। हादसे के बाद ग्रामीण वहां पहुंचे और मृत्युंजय की पिटाई करने लगे। इसी बीच उनके भाई और रिश्तेदार भी मौके पर पहुंचे, जिन्हें गुस्साए लोगों ने पीटा। सूचना मिलने के बाद पुलिस का गश्ती वाहन वहां पहुंचा। पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव कर कार मालिक मृत्युंजय को वहां से अपने साथ ले गए और पीएचसी में इलाज कराया। बाद में कांके थाना से ही जमानत देकर छोड़ दिया।
कार चालक को बचा रहे पुलिसकर्मियों पर हमला : मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि जब घटनास्थल पर पुलिस पहुंची तो ग्रामीण कार चालक मृत्युंजय और उसके परिजनों की पिटाई कर रहे थे। पुलिसकर्मी गश्ती वाहन से उतरे और बीच-बचाव करने लगे। कार चालक को जब वे लोग छुड़ाने लगे तो नाराज ग्रामीणों ने पुलिस पर ही हमला कर दिया। मृत्युंजय को वहां से हटा रहे हवलदार की पिटाई करने लगे। किसी तरह पुलिसकर्मियों ने मृत्युंजय को भीड़ से निकाला और कांके थाना ले गए।
स्टंट कर रहे बाइक सवारों के कारण यह हादसा : प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रिंग रोड पर स्टंट कर रहे कुछ बाइक सवार कार और बाइक के बीच में आ गए थे, जिस कारण यह हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि यहां रिंग रोड का एक ही हिस्सा बना हुआ है, लेकिन दोनों ओर से काफी तेज गति से गाड़ियां चलती हैं। स्टंट करने वाले बाइक सवार युवकों पर भी सख्ती नहीं बरती जाती है। इस कारण हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।