गुमला: झारखंड के उग्रवाद प्रभावित जिला गुमला को भी चाहिए रेलगाड़ी. इसके लिए लोग आंदोलित हो गये हैं. विधायकों और सांसद को झूठा बता रहे हैं. रेल लाओ संघर्ष समिति के बैनर तले शुरू हुए आंदोलन में सभी राजनीतिक दलों के स्थानीय नेता शामिल हुए. आंदोलन के पहले चरण में सोमवार को सैकड़ों लोगों ने कचहरी परिसर में धरना दिया. चेंबर ऑफ कॉमर्स के अलावा कई सामाजिक संगठनों ने भी आंदोलन को समर्थन दिया. धरना में शामिल हुए. गुमला में रेल लाइन की मांग पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रेल लाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार समेत तमाम वक्ताओं ने कहा कि स्थानीय सांसद व विधायक झूठे हैं. 1972 से सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान विधायक व सांसद सिर्फ आवेदन सौंपकर गुमला की जनता को ठग रहे हैं. कहा कि इस बार गुमला को अगर रेलवे लाइन से नहीं जोड़ा गया, तो गुमला से रांची और रांची से दिल्ली तक आंदोलन होगा. गुमला को मान-सम्मान नहीं मिला, तो कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है. इससे पहले गुमला में रेल लाओ संघर्ष समिति द्वारा पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत स्थानीय रौनियार भवन पालकोट रोड से निकलकर शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए कचहरी परिसर गुमला में धरना में परिवर्तित हो गया.

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