मुंबई. डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट थम नहीं रही। रुपया गुरुवार को 70.18 पर खुला और कुछ ही देर में 42 पैसे टूटकर इसने 70.32 का निचला स्तर छू लिया। यह मंगलवार को पहली बार 70 के पार गया। हालांकि, बाद में कुछ रिकवरी आई और 69.90 पर बंद हुआ था। विश्लेषकों के मुताबिक देश का व्यापार घाटा बढ़ने से करंसी बाजार में सेंटीमेंट पर असर पड़ा है। जुलाई में व्यापार घाटा 18.02 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह करीब पांच साल में सबसे ज्यादा है। यह पिछले साल जुलाई में 11.45 अरब डॉलर था। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई 2018 में आयात 28.81% बढ़कर 43.79 अरब डॉलर रहा। तुर्की के आर्थिक संकट और वहां की मुद्रा लीरा में गिरावट का असर भारत, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों की करंसी पर पड़ा है। बाहरी निवेशक सुरक्षित निवेश के तौर पर डॉलर की खरीद कर रहे हैं।
रुपये पर सरकार की नजर : केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि रुपए में आकस्मिक उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए देश के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है। पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही है। इससे पहले मंगलवार को आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं। रुपए में बाहरी वजहों से गिरावट आई है।