गढ़वा. बकरीद के मौके पर मेराल थाना के टिकुलडीहा गांव में कुछ लोगों द्वारा प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी की तैयारी की गुप्त सूचना मिलने के बाद पुलिस द्वारा गांव में छापेमारी की गई। इस दौरान लोग आक्रोशित हो उठे। साथ ही गांव में पहुंचे एसआई रामचंद्र कुमार व चार पुलिसकर्मियों को सुबह नौ बजे से लेकर 11 बजे तक गांव में ही बंधक बनाकर रखा। साथ ही वरीय अधिकारियों को गांव में बुलाने की मांग पर ग्रामीण अड़े रहे। बाद में इसकी सूचना मिलने पर डीएसपी मुख्यालय संदीप कुमार गुप्ता, मेराल सीओ राकेश सहाय तथा पुलिस निरीक्षक संदीप कुमार रंजन दल-बल के साथ गांव में पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों के साथ तीन घंटे तक लंबी वार्ता की। साथ ही आक्रोशित ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया। तब जाकर पुलिस अपराह्न करीब दो बजे वापस लौटी।
इस संबंध में थाना प्रभारी गुप्तेश्वर तिवारी ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि टिकुलिया में कुछ लोगों द्वारा प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी की तैयारी की गई है। इससे सामाजिक सद्भाव न बिगड़े इसके मद्देनजर पुलिस द्वारा बुधवार को सुबह 9 बजे से ही टिकुलिया तथा आसपास के क्षेत्रों में एहतियात के तौर पर अभियान चलाया गया। इस दौरान पुलिस द्वारा कुछ घरों में जाकर जांच पड़ताल तथा कुछ लोगों से पूछताछ भी की गई। पुलिस की यह कार्रवाई लोगों को नागवार गुजरी तथा लोग पुलिस के खिलाफ सड़क पर उतर गए। हांलाकि इस संबंध में थाना प्रभारी गुप्तेश्वर तिवारी का कहना है कि पुलिस की चौकसी से जहां कई प्रतिबंधित पशु की जान बच गई। वहीं सामाजिक सद्भाव बिगड़ने से भी बच गया।
ग्रामीणों का आरोप, घर के पुरुष नमाज पढ़ने गए थे। इसी दौरान पूछताछ करने पहुंची पुलिस
दंडाधिकारी सह अंचलाधिकारी राकेश सहाय घटना के बारे में बताया कि विरोध कर रहे ग्रामीणों का आरोप है कि जब घर के पुरुष ईदगाह में नमाज पढ़ने गए थे, उसी दौरान पुलिस निजामुद्दीन खान, किताबउद्दीन खान, सबे अख्तर, खान रबे, अख्तर खान आदि के घर में घुस गई तथा महिलाओं से पूछताछ करने लगी। साथ ही लोगों का आरोप है कि जब पुलिस इन लोगों के घर में घुसी उस वक्त घर की महिलाएं नहाने की तैयारी में थीं। मगर अंचलाधिकारी ने कहा कि महिलाओं द्वारा पुलिस पर दुर्व्यवहार करने का आरोप नहीं लगाया गया है।
डीएसपी ने शांत कराया मामला : घटना की सूचना मिलने के बाद मुख्यालय डीएसपी संदीप कुमार गुप्ता तथा पुलिस निरीक्षक संदीप रंजन भी घटनास्थल पर पहुंच गए। सभी अधिकारियों के साथ विरोध कर रहे लोगों के साथ बैठक हुई। इस दौरान ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कुछ गलत प्रवृत्ति के लोग हैं, जो पुलिस को गलत सूचना देकर हम लोगों को परेशान कराते हैं। इस मामले को लेकर ग्रामीणों द्वारा पुलिस उपाधीक्षक को लिखित आवेदन दिया गया। जिसमें मेराल पुलिस की कार्रवाई का विरोध करते हुए दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है। डीएसपी संदीप कुमार द्वारा पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेने के बाद तत्काल सुलह-समझौता कराते हुए मामला को समाप्त करा दिया।