झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा नेतृत्व बहुत गंभीर है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भाजपा के पांच बड़े दिग्गज एक महीने के अंदर झारखंड आनेवाले हैं। इस दौरान विधानसभा चुनाव को लेकर ताना-बाना बुना जायेगा। वैसे, लोकसभा चुनाव में भाजपा को अप्रत्याशित छप्पर फाड़ वोट मिले थे। अब तक भाजपा को लोकसभा चुनाव में मिले वोट के ये आंकड़े सबसे अधिक हैं। जाहिर है बीजेपी को इस जीत ने उत्साह से लबरेज कर दिया है। अगर बीजेपी इस रिकॉर्ड के आसपास भी ठहर गयी, तो विपक्ष का दम फूलता नजर आयेगा। आला नेताओं के प्रवास के दौरान भी इसी पर मंथन होगा। वैसे, इस लक्ष्य को पाने के लिए भाजपा ने तैयारी काफी पहले से शुरू कर दी है। इसी कड़ी में 30 अगस्त को भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा रांची पहुंचेंगे। श्री नड्डा दो दिनों के प्रवास में राजधानी में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। वह प्रदेश कोर कमेटी, पदाधिकारियों और सांसद-विधायकों के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति बनायेंगे। श्री नड्डा सदस्यता अभियान की भी समीक्षा करेंगे। इधर, तीन अगस्त को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह रांची आ रहे हंै। श्री शाह के पहले श्री नड्डा का कार्यक्रम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। साथ ही 23 अगस्त को विधानसभा चुनाव प्रभारी ओपी माथुर रांची पहुंचेंगे। श्री माथुर तीन दिनों तक झारखंड में कैंप करेंगे। इनके साथ सह प्रभारी नंदकिशोर यादव भी रहेंगे। वह विधानसभावार चुनावी तैयारी की समीक्षा करेंगे।
विधानसभा चुनाव में दिखेगा लोकसभा का जबर्दस्त असर
लोकसभा चुनाव में पहले ही झारखंड की 14 में से 12 सीटों पर कब्जा जमा कर अपना इरादा जाहिर कर चुका एनडीए के बारे में चुनाव विश्लेषक कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का मैजिक निश्चित ही झारखंड के विधानसभा चुनाव में दिखेगा। एक ओर भाजपा जीत से उत्साहित है, तो दूसरी ओर हार से विपक्ष में निराशा का भाव है। ऐसे में मास्टर पर मास्टर स्ट्रोक ने विपक्ष को औंधे मुंह गिरा दिया है। ऊपर से रघुवर दास ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर रहे हैं। ऐसे में विपक्ष किस तरफ से कैच पकड़े, यह रणनीति भी नहीं बना पा रहा है। आलम यह है कि 65 के पहाड़ को भाजपा ने अवसरों के आसमान के रूप में बदल दिया है। हर तरफ से धाकड़ बल्लेबाजी चल रही है। केंद्रीय नेताओं का सबसे अधिक फोकस सदस्यता अभियान पर है। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी जिन सीटों पर दूसरे स्थान पर रही, उन पर खास ध्यान दिया जा रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 37 सीटें हासिल हुई थीं। साथ ही 30 सीटों पर वह दूसरे स्थान पर रही थी। भाजपा को फोकस इस बार इस 30 सीटों को लेकर भी है। वहीं दूसरी ओर भाजपा पिछले चुनाव के आंकड़े को बचा लेती है और दूसरे स्थान पर रहे उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित हो जाती है, तो यह आंकड़ा आसानी से हासिल हो जायेगा।
65 पार के लिए भाजपा का फुलप्रूफ मास्टर प्लान
झारखंड में अबकी बार 65 पार का नारा भाजपा दिन-रात जप रही है। पार्टी को लगता है कि झारखंड में इस लक्ष्य को पाया जा सकता है। आधार कुछ जमीन पर है, तो कुछ भाजपा नेताओं के तसव्वुर में। संगठन आज नहीं, पिछले दो सालों से इसकी तैयारी में जुटा है। इसके लिए व्यापक मास्टर प्लान तैयार है। आदिवासी समाज को प्रेरित करना, सामाजिक समीकरण को पक्ष में करना, दूसरे दल के विधायकों को जोड़ना और सरकारी योजनाओं के जरिये घर-घर तक पहुंचना भाजपा के मास्टर प्लान का हिस्सा है। इधर, सीएम रघुवर दास लोकसभा चुनाव के बाद से ही एक से बढ़ कर एक योजनाओं का लोकार्पण कर रहे हैं।
इसमें समाज के हर तबके को ध्यान में रख कर सरकार काम कर रही है। इसी का नतीजा है कि रानी मिस्त्री ने जहां एक ओर पूरे देश में नजीर पेश किया है, वहीं अब झारखंड की महिलाओं को मिट्टी के डॉक्टर की उपाधि देकर सीएम रघुवर दास ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इतना ही नहीं, महिलाओं को फ्री में दूसरी रिफिल की योजना भी शुक्रवार से शुरू होनेवाली है।
उत्साहित भाजपा ने सिर्फ लक्ष्य ही निर्धारित नहीं किया है, बल्कि इस लक्ष्य को पाने की दिशा में मजबूत कदम भी बढ़ाया है। सरकार से लेकर संगठन स्तर पर पूरी मजबूती के साथ काम किया जा रहा है। बूथ स्तरीय कार्यकर्ता से लेकर राष्टÑीय अध्यक्ष तक सभी ने लोकसभा के बाद ही विधानसभा में 65 प्लस को हासिल करने के लिए ताकत झोंक दी है। चुनावी विश्लेषक भी मानते हैं कि भाजपा जिस गति से विजय रथ पर सवार होकर सरपट भाग रही है, निश्चित तौर पर आनेवाले समय में यह लक्ष्य पा सकती है। वैसे, भाजपा में चाणक्य के रूप में मशहूर अमित शाह ने अब तक देश या राज्य के स्तर पर जो भी प्लानिंग की है, उन्हें हर में सफलता हासिल हुई है। वह हमेशा एक बड़े लक्ष्य और उसे पाने की रणनीति के साथ काम करते हैं। अब झारखंड में होनेवाले चुनाव में भी उन्होंने बिसात बिछा दी है।