कराची : आतंकवाद को भारत और अफगानिस्तान जैसे देशों के खिलाफ स्टेट पॉलिसी की तरह इस्तेमाल करते आ रहे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले ही बेहद खस्ताहाल है। ऊपर से उस पर फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की कार्रवाई का खतरा मंडरा रहा है। FATF की तरफ से ब्लैकलिस्ट किए जाने से बचने के लिए इस्लामाबाद अब पेइचिंग की शरण में है। इसके अलावा, वह मलयेशिया और तुर्की से भी मदद की आस लगाए हुए है। FATF अक्टूबर में पाकिस्तान की समीक्षा करेगा। उसने इस्लामाबाद को आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए 27 कदम उठाने को कहा था लेकिन पाकिस्तान ने प्रस्तावित कदमों में से आधे भी नहीं उठाए हैं और जो उठाए हैं, वे भी दिखावे के लिए। हैरत की बात तो यह है कि FATF से इतर पिछले कई दिनों से वह कश्मीर में भारत सरकार के फैसले से बौखलाया हुआ है।

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